धनबाद: आइआइटी आइएसएम ने ड्राय कॉम्पेक्ट फील मशीन (डीसीएफ) का अाविष्कार कर कोयला उत्खनन के क्षेत्र में उत्पादन में इजाफा व सुरक्षित उत्खनन की राह को आसान बना दिया है. लगभग एक साल से इस नयी तकनीक पर संस्थान में शोध चल रहा था. इस प्रोजेक्ट पर अब तक लगभग सात-आठ लाख रुपये खर्च हुए हैं.
यह जानकारी प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर संस्थान के सीनियर फैकल्टी डॉ. उपेंद्र कुमार सिंह व डॉ.धीरज कुमार ने दी. बताया कि माइनिंग विभाग में मशीन का शुक्रवार को सुबह 11.30 बजे डेमोंस्ट्रेशन दिया जायेगा. मौके पर कोल इंडिया व उसकी अनुषंगी इकाइयों सहित अन्य माइनिंग इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे. डेमोंस्ट्रेशन के बाद मशीन को एसइसीएल तथा सिंगरैनी कोलफिल्ड भेजा जायेगा. वहां सफलता के बाद इस तकनीक का धड़ल्ले से उपयोग हो सकेगा.
क्या होगा इसका फायदा : को -आर्डिनेटर श्री सिंह ने बताया कि भूमिगत खदानों में उत्पादन के बाद बने गोफ फीलिंग में बालू के बजाय स्टोन ऐस का डीसीएफ से कॉम्पेक्ट फीलिंग हो सकेगी. इस तकनीक से ओवर वर्डेन से राहत मिलेगी, सुरक्षित उत्पादन होगा आैर अवैध उत्खनन पर रोक लगेगी.