15.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कर्जमाफी की आशा

किसानों की कर्जमाफी से बैंकों का अनुशासन बिगड़ता ही है. मेहनती किसान भी कर्ज माफ की आशा नहीं रखता है. परन्तु कर्ज लेने की विवशता और कर्ज माफी के लिए टकटकी लगाना उनके लिए बाध्यकारी हो गया है, क्योंकि उन्हें अपनी फसलों के लिए उचित दाम नहीं मिलते हैं. कृषि उत्पादों को सस्ते दामों पर […]

किसानों की कर्जमाफी से बैंकों का अनुशासन बिगड़ता ही है. मेहनती किसान भी कर्ज माफ की आशा नहीं रखता है. परन्तु कर्ज लेने की विवशता और कर्ज माफी के लिए टकटकी लगाना उनके लिए बाध्यकारी हो गया है, क्योंकि उन्हें अपनी फसलों के लिए उचित दाम नहीं मिलते हैं. कृषि उत्पादों को सस्ते दामों पर देश के शहरों में पहुंचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध तो है लेकिन उनकी मजबूरी होती है कि उन्हें कुछ चीजों को विदेशों से आयात करना पड़ता है.
और ऐसी परिस्थिति में भी सरकार का ध्यान किसनों की तरफ नहीं जाता. जब फसलों के दाम नहीं बढ़ेंगे तो किसान खेती के लिए उपयोगी डीजल, खाद, कीटनाशक दवाइयों की अंधाधुंध कीमतों का सामना कैसे करेगा. इनपर नियंत्रण नहीं होगा, तो आखिर में किसान को कर्जमाफी ही एकमात्र सहारा नजर आता है. यह किसानों की विवशता ही है.
लोकेन्द्र रघुवंशी, इमेल से

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें