पणजी : गोवा के नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों ने पार्टी विधायक दल के नेता के रूप में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का सर्वसम्मति से समर्थन किया है तथा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) ने भी कहा कि वह पर्रिकर की अगुवाई वाली सरकार का समर्थन करेगी. राज्य में सरकार गठन की संभावनाएं खंगालने के लिए नवनिर्वाचित विधायकों ने आज एक बैठक की तथा एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से पर्रिकर को विधायक दल का नेता नामित करने की अपील की.
भाजपा विधायक माइक लोबो ने यहां पार्टी मुख्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘मिलिंद नाइक को छोड़कर सभी भाजपा विधायक आज इस बैठक में मौजूद थे. नाइक के भाई का कल निधन हो गया था.’ लोबो ने कहा, ‘पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मनोहर पर्रिकर को गोवा में पार्टी विधायक दल का नेता चुने जाने की इजाजत देने का अनुरोध करते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया.’
उन्होंने कहा, ‘हम इस प्रस्ताव की प्रति पार्टी अध्यक्ष को भेजने का फैसला पहले ही कर चुके हैं. एक पत्र लिखकर आग्रह किया जाएगा कि पर्रिकर को विधायक दल का नेता चुने जाने की इजाजत दी जाए.’ लोबो के साथ प्रमोद सावंत, ग्लेन्न टिकलो और नीलेश काब्राल जैसे भाजपा विधायक थे.
गोवा में सरकार गठन के लिए बहुमत जुटाने की भाजपा की कोशिश को तब पंख लग गये जब एमजीपी ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त करने पर इस भगवा दल का समर्थन करने की बात कही. लोबो ने कहा, ‘एमजीपी पहले ही समर्थन व्यक्त कर चुका है. हम गोवा फारवर्ड पार्टी एवं निर्दलीयों के साथ बातचीत कर रहे हैं.’
ये है समीकरण
भाजपा ने विधानसभा चुनाव में 13 सीटें जीती हैं. इसके अलावा, उसे पार्टी समर्थित एक निर्दलीय का भी समर्थन प्राप्त है. सत्रह सीटें जीतने वाली कांग्रेस और भाजपा 40 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत जुटाने के लिए छोटे दलों को अपने साथ लाने की कोशिश में जुटी हैं जहां सामान्य बहुमत का आंकड़ा 21 है. एमजीपी, गोवा फारवर्ड और निर्दलीयों ने तीन-तीन सीटें जीती है. राकांपा को एक सीट मिली है.
एमजीपी विधायक दल की बैठक के बाद पार्टी नेता सुदीन धावलिकर ने कहा, ‘एमजीपी ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि यदि भाजपा मनोहर पर्रिकर को केंद्र से राज्य में बुलाती है और उन्हें मुख्यमंत्री नियुक्त करती है तो वह भाजपा का समर्थन करेगी. यदि मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाया जाता है केवल तभी एमजीपी भाजपा का समर्थन करेगी.’
उन्होंने कहा, ‘यह जरुरी है कि पर्रिकर सरकार की अगुवाई करें ताकि केंद्र उन विभिन्न विकास परियोजनाओं का वित्तपोषण जारी रखेगी जो राज्य में फिलहाल चल रही हैं.’