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बीसी-टू में थे, सरकार ने बीसी-वन में किया, फंस गया मामला
रांची : वनरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा की पीटी और मुख्य परीक्षा पास करनेवाले तेली जाति के अभ्यर्थियों को परेशानी हो रही है़ वनरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा-2014 में तेली जाति के अभ्यर्थियों ने बीसी-टू में आवेदन किया था़ इधर, राज्य सरकार ने सात अगस्त 2015 को संकल्प जारी कर तेली, सुंडी-सुढ़ी को बीसी-टू से विलोपित कर पिछड़ा वर्ग […]
रांची : वनरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा की पीटी और मुख्य परीक्षा पास करनेवाले तेली जाति के अभ्यर्थियों को परेशानी हो रही है़ वनरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा-2014 में तेली जाति के अभ्यर्थियों ने बीसी-टू में आवेदन किया था़ इधर, राज्य सरकार ने सात अगस्त 2015 को संकल्प जारी कर तेली, सुंडी-सुढ़ी को बीसी-टू से विलोपित कर पिछड़ा वर्ग की अनुसूची-वन में शामिल कर दिया़
झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस संबंध में अभ्यर्थियों के परेशानी से मुख्यमंत्री रघुवर दास को अवगत कराया है़ मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में श्री मरांडी ने कहा कि बीसी-टू में आवेदन करनेवाले तेली जाति को अब जाति प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है़ मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण तेली जाति के अभ्यर्थियों को बीसी-वन में भी मान्यता नहीं दी जा रही है़ चूंकि इन जातियों के छात्रों ने बीसी-टू में आवेदन किया है. श्री मरांडी ने कहा कि अभी मूल प्रमाण पत्रों की जांच हो रही है़ ऐसे अभ्यर्थियों काे सामान्य वर्ग में रख कर मेरिट लिस्ट तैयार किया जा रहा है़ इन जातियों के छात्रों का चयन बीसी-वन में होना चाहिए.
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