कोलकाता : हाइकोर्ट के जस्टिस करनन ने सुप्रीम कोर्ट के जजों पर आरोप लगाते हुएकहा कि दलित होने के कारण के उन्हें काम करने से रोका जा रहा है. यह जातिगत मामला है और अत्याचार है. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ जानबूझकर षडयंत्र के तहत काम किया जा रहा है ताकि मेरी जिंदगी और करियर खराब हो जाये. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार हाइकोर्ट के किसी वर्तमान जज के खिलाफ वारंट जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को वारंट की तामील कराने को कहा है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए करनन ने कहा कि बिना किसी जांच, सबूत या बातचीत के प्रतिनिधित्व के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया.पहली बार किसी सिटींग जज को अवमानना नोटिस जारी की
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दलित होने के कारण मुझे काम करने से रोका गया : जस्टिस सीएस कर्णन
कोलकाता : हाइकोर्ट के जस्टिस करनन ने सुप्रीम कोर्ट के जजों पर आरोप लगाते हुएकहा कि दलित होने के कारण के उन्हें काम करने से रोका जा रहा है. यह जातिगत मामला है और अत्याचार है. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ जानबूझकर षडयंत्र के तहत काम किया जा रहा है ताकि मेरी जिंदगी और करियर […]
जस्टिस करनन को 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं.न्यायपालिका के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब हाई कोर्ट के सिटिंग जज को सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की बेंच ने अवमानना नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान पीठ कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस करनन पर अदालत की अवमानना मामले की सुनवाई कर रही है. पिछली सुनवाई में नोटिस दिए जाने के बावजूद जस्टिस करनन सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं हुए थे और सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट में पेश होने के लिए तीन हफ्तों का वक्त दिया था. इसके साथ ही जस्टिस करनन को कोई भी न्यायिक या प्रशासनिक काम करने पर रोक लगा दी थी.
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