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नाम जुड़वाने के लिए बनवा रहे फर्जी आधार कार्ड
मुजफ्फरपुर: जिले में फर्जी आधार कार्ड बनाये व बनवाये जा रहे हैं. इसका खुलासा नगर निगम चुनाव की मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए आये आवेदनों के सत्यापन के दौरान हुआ है. सत्यापन के लिए निबंधनकर्मी आवेदकों से आधार कार्ड की मूल कॉपी का डिमांड कर रहे हैं. आवेदक उसे उपलब्ध भी करवा रहे […]
मुजफ्फरपुर: जिले में फर्जी आधार कार्ड बनाये व बनवाये जा रहे हैं. इसका खुलासा नगर निगम चुनाव की मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए आये आवेदनों के सत्यापन के दौरान हुआ है. सत्यापन के लिए निबंधनकर्मी आवेदकों से आधार कार्ड की मूल कॉपी का डिमांड कर रहे हैं. आवेदक उसे उपलब्ध भी करवा रहे हैं. लेकिन, जब आधार नंबर की ऑनलाइन जांच की जा रही है तो इसे ‘इनवैलिड’ बताया जा रहा है. यानी उस आधार नंबर का कोई आधार कार्ड जारी ही नहीं हुआ है. एेसे दर्जनों मामले सामने आये हैं. देर शाम तक सत्यापन का काम जारी था. इसके पूरा होने के बाद फर्जी आधार कार्ड बनवाने के मामले में कानूनी कार्रवाई पर फैसला लिया जायेगा.
आवेदन के सत्यापन के दौरान ग्रामीण क्षेत्र के वोटरों का शहरी क्षेत्र के वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने की कोशिश की भी पोल खुल रही है. दरअसल, सत्यापन के दौरान निबंधनकर्मी आवेदक व उनके पिता के नाम का मिलान राज्य निर्वाचन आयोग के वेबसाइट पर उपलब्ध विधानसभा चुनाव के वोटर लिस्ट से कर रहे हैं. इस दौरान कई ऐसे लोग मिले हैं, जिनका नाम किसी-न-किसी ग्रामीण क्षेत्र के बूथ के वोटर लिस्ट में अंकित है. कुछ आवेदक दावा कर रहे हैं कि उनका घर ग्रामीण क्षेत्र में है, लेकिन अब वे शहरी क्षेत्र में अपना मकान बना चुके हैं और यहीं रह रहे हैं. ऐसे लोगों को ग्रामीण क्षेत्र के वोटर लिस्ट से नाम कटवाने के लिए पूर्व में दिये गये आवेदन की कॉपी लाने को कहा जा रहा है.
नहीं आये आधे से ज्यादा आवेदक
नाम जुड़वाने, संशोधन कराने या विलोपित कराने के लिए शहरी क्षेत्र के 49 वार्ड से कुल 4606 आवेदन मिले हैं. इनमें से करीब दो हजार लोग ही सत्यापन के लिए मूल दस्तावेज लेकर निबंधनकर्मी के समक्ष उपस्थित हुए हैं. आशंका जतायी जा रही है कि इनमें काफी संख्या में लोग फर्जी दस्तावेज के आधार पर आवेदन किये होंगे. अब पकड़े जाने के भय से सत्यापन के लिए उपस्थित नहीं हो रहे हैं.
आयोग को आशंका, हो सकता है फर्जीवाड़ा
नगर निगम चुनाव की मतदाता सूची इस साल जारी विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची का विखंडन कर तैयार किया गया है. बावजूद शहरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग नाम जुड़वाने के लिए आवेदन दे रहे हैं. राज्य निर्वाचन आयोग काे आशंका है, इसमें फर्जीवाड़ा हो सकता है. आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी को ऐसे तमाम आवेदकों, जिनकी उम्र ज्यादा है, का सत्यापन सही ढंग से करने का निर्देश दिया है. आवेदक से यह भी पूछा जायेगा कि आखिरी विधानसभा की मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए उन्होंने पहल क्यों नहीं की? सत्यापन व निबंधन पदाधिकारी की अनुशंसा के बावजूद आयोग तबतक मतदाता सूची में नये नाम जोड़ने की अनुमति नहीं देगा, जबतक वह संतुष्ट हो जाये कि आवेदक ने फर्जीवाड़ा नहीं किया है.
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