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नहीं होगा पाकिस्तान पर असर
रक्षा अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के सम्मेलन में भाग लेने आये पकिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार महमूद अली दुर्रानी ने फिर से स्वीकार किया कि मुंबई में 26 नवंबर 2008 में हुए हमले में, पाकिस्तानी चरमपंथियों का हाथ था.इससे भारत में कुछ लोगों के चेहरे खिल गये हैं. जबकि उन्हें यह नहीं मालूम कि […]
रक्षा अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के सम्मेलन में भाग लेने आये पकिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार महमूद अली दुर्रानी ने फिर से स्वीकार किया कि मुंबई में 26 नवंबर 2008 में हुए हमले में, पाकिस्तानी चरमपंथियों का हाथ था.इससे भारत में कुछ लोगों के चेहरे खिल गये हैं.
जबकि उन्हें यह नहीं मालूम कि उक्त हमले के कुछ हफ्तों के भीतर ही दुर्रानी साहब ने इस बात को स्वीकार किया था. एक बात ध्यान देने की है कि दुर्रानी ने पाकिस्तान सरकार एवं आइएसआइ को सभी आरोपों से बरी किया है. मतलब उक्त हमले में पाकिस्तानी प्रशासन का कोई हाथ नहीं था. जबकि हम सभी जानते हैं कि बिना सरकारी दखल के भारत में कोई भी आतंकी हमला नहीं होता है. पहले की तरह इस बार भी पाकिस्तान भारत के आरोपों को अस्वीकार कर देगा.
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी
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