01.11 PM:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शास्त्रीजी के आवास से रवाना हुए. इस दौरान लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. वे यहां से रोहनिया बाईपास पर एक जनसभा को संबोधित करने के लिए रवाना हुए.
12.45 PM:शास्त्री जीके जीवन पर आधारित भजनमें प्रधानमंत्री शामिल हुए.
PM Narendra Modi at Lal Bahadur Shastri Memorial in Varanasi pic.twitter.com/sgC0Hg6WX2
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 6, 2017
12.39 PM:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शॉल ओढा कर स्वागत किया गया.इसके बाद वे घर के अंदरगये, जहां वे शास्त्री जी को श्रद्धांजलि देंगे. शास्त्री जी के आवास को म्यूजियम के रूप में बदला गया है और उनके जीवन से जुड़ी तसवीरें यहां लगायी गयी हैं.
12.34 PM:रामनगर में लालबहादुर शास्त्रीके पैतृक घर पैदल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
12.25 PM:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि देने रामनगरजा रहे हैं.
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तरप्रदेश चुनाव को लेकर पिछले तीन दिनों से अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी मेंकैंपकर रहे हैं. पहले दो दिन उन्होंने रोड-शो व जनसभाएं की. आज तीसरे दिनवेगढ़वाघाट आश्रम गये. इसके साथ उनका रामनगर में देश के द्वितीय प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्रीकी समाधि पर श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम है.दिन में वाराणसी के रोहनिया बाईपास पर खुशीपुर में उनकी परिवर्तन संकल्प रैली है. ध्यान रहे कि उत्तरप्रदेशके सात चरणोंके विधानसभा के प्रचार का आज अंतिम दिन है.
बुधवार को वाराणसीव उसके आसपास के जिलों की 40 विधानसभासीटों पर वोटिंग होनी है. मौजूदा चुनावी दौर में एक-एक सीटों के महत्वके मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वभारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत यहां झोंक दी है. न सिर्फप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बल्कि उनकी पार्टी के कई प्रमुख नेता व सरकार के कई कद्दावर मंत्री वाराणसी वआसपास के क्षेत्र में कैंप किये हुए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह गढ़वाघाट आश्रम पर महंत शरणानंद से मुलाकात की.वहां उन्होंने गौ सेवा की, उनको चारा खिलाया साथ ही आश्रम में पूजाभी की.उधर, रामनगर में प्रधानमंत्री के स्वागत में हजारों भाजपा कार्यकर्तासड़कों पर उतरे हैं. लोगों मेंउनकीझलक पाने को लेकर उत्साह दिख रहा है.
गढ़वाघाट आश्रम को कृष्ण के वंशजों का आश्रम माना जाता है. यह स्थल समाजवादी पार्टीके संरक्षण मुलायम सिंह यादव का भी प्रिय आश्रम रहा है. आश्रम से यादव जाति को लोग बहुलता से जुड़े हुए हैं, इसके साथ ही दलित व पिछड़ी जति के लोग भीइस आश्रम से जुड़े हैं.