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एक तिहाई स्ट्रैंथ पर काम कर रहा है बिहार का पुलिस महकमा

पटना : बिहार में प्रति एक लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की संख्या 69.79 है, जबकि इस मामले में राष्ट्रीय औसत 182.68 है. राज्य में एक पुलिसकर्मी पर 1433 लोगों की सुरक्षा करने की जिम्मेवारी है, जबकि देश के स्तर पर देंखे, तो यह आंकड़ा महज 547 है. देश में प्रति सौ पुलिसकर्मियों पर 7.24 […]

पटना : बिहार में प्रति एक लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की संख्या 69.79 है, जबकि इस मामले में राष्ट्रीय औसत 182.68 है. राज्य में एक पुलिसकर्मी पर 1433 लोगों की सुरक्षा करने की जिम्मेवारी है, जबकि देश के स्तर पर देंखे, तो यह आंकड़ा महज 547 है. देश में प्रति सौ पुलिसकर्मियों पर 7.24 वाहन उपलब्ध हैं, जबकि बिहार के सौ पुलिसकर्मियों के लिए महज 1.7 वाहन की ही उपलब्धता है. ये आंकड़ों बताते हैं कि मैनपावर और संसाधनों की बात की जाये तो महज एक तिहाई स्टैंथ में बिहार का पुलिस महकमा काम कर रहा है. हालांकि पिछले सालों में कुछ बहालियां जरूर हुई हैं, मगर उसके बावजूद यह फर्क इतना बड़ा है कि हाल के वर्षों में इसे पाटना लगभग नामुमकिन लगता है.

पुलिसकर्मियों से संबंधित ऊपर दिये गये आंकड़े ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डिप्लॉयमेंट द्वारा साल 2015 में जारी किये गये हैं. तब से पुलिस कर्मियों के कुछ हजार पदों पर बहाली जरूर हुई है, मगर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी भी रिटायर हुए हैं, ऐसे में पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक इन आंकड़ों में थोड़ा बहुत ही फर्क पड़ सकता है. इन बहालियों से बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ा है.

इन आंकड़ों के मुताबिक बिहार में पुलिस कर्मियों के 93,313 पद ही स्वीकृत हैं, यह भी राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. राष्ट्रीय औसत के हिसाब से बिहार में 1,90,310 पुलिसकर्मी होने चाहिये थे, जबकि अभी यहां 56,686 पुलिस कर्मी कार्यरत हैं और सभी तरह के बलों को जोड़ दिया जाये तो यह आंकड़ा 70 हजार पहुंचता है, जबकि इनके स्वीकृत पदों की संख्या 1,12,554 होनी चाहिए थी. अभी बिहार को अपने स्वीकृत पदों की संख्या ही पूरी करनी है. ये आंकड़े तो फिर भी थो़ड़े बेहतर ही हैं.

सिर्फ 901 वाहन

2015 तक बिहार पुलिस के पास सिर्फ 901 वाहन थे, इनमें से भारी वाहनों की संख्या महज 16 थी. जबकि, यूपी के पास 13 हजार से अधिक, महाराष्ट्र और तमिलनाडू पुलिस के पास 15 हजार से अधिक वाहन हैं. झारखंड राज्य के पास 65 सौ से अधिक वाहन हैं, जबकि इनमें भारी वाहनों की संख्या 247 है.

हम लगातार प्रयासरत

हम प्रोन्नति और बहाली दोनों तरीकों के जरिये इस स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं.

आमिर सुबहानी, प्रधान सचिव, गृह विभाग, बिहार

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