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शिक्षा पर होगा सबसे ज्यादा खर्च

बिहार सरकार की ओर से प्रस्तुत किये गये बजट में शिक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है. 2017-18 के लिए शिक्षा विभाग के लिए सरकार ने ‍25,251.39 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो पिछले साल की तुलना में 3354 करोड़ रुपये अधिक है. राज्य सरकार तीन नये विश्वविद्यालय भी इस साल खोलने जा […]

बिहार सरकार की ओर से प्रस्तुत किये गये बजट में शिक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है. 2017-18 के लिए शिक्षा विभाग के लिए सरकार ने ‍25,251.39 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो पिछले साल की तुलना में 3354 करोड़ रुपये अधिक है. राज्य सरकार तीन नये विश्वविद्यालय भी इस साल खोलने जा रही है. साथ ही मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत दो सालों में सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. बजट में पथ निर्माण विभाग पर भी खास जोर दिया गया है.
राज्य सरकार सड़कों और पुलों के निर्माण पर 6635़ करोड़ रुपये खर्च करेगी. वहीं कृषि विभाग में पिछले बजट की तुलना में 73.39 करोड़ रुपये की कटौती की गयी है. बाल विकास परियोजना, आंगनबाड़ी केंद्र और कन्या विवाह योजना पर सरकार ने ज्यादा खर्च करने की योजना बनायी है. विवाह करनेवाले नि:शक्तों को 50 -50 हजार रुपये का अनुदान देने का भी प्रावधान किया गया है.
िशक्षा िवभाग
3,354 करोड़ रुपये ज्यादा का किया गया आवंटन
बिहार सरकार ने बजट में सबसे ज्यादा राशि का प्रावधान शिक्षा विभाग में किया गया है. वित्तीय वर्ष 2017-18 में शिक्षा विभाग के लिए सरकार ने ‍25,251.39 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह बजट पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 3,354.37 करोड़ रुपये ज्यादा है.
वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में शिक्षा के लिए 21,897.37 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. अगले वित्तीय वर्ष में भी शिक्षा विभाग ने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ करीब छह लाख छात्र-छात्राओं को बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा है. नियोजित शिक्षकों के लिए नयी सेवा शर्तों का निर्धारण किया जायेगा. इसके अलावा झोंपड़ी और खुले आसमान में चलनेवाले स्कूलों को शिक्षकों और छात्रों समेत भवनवाले स्कूलों में शिफ्ट किया जायेगा.
खुलेंगे तीन नये विश्वविद्यालय : बिहार सरकार वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य में तीन नये विश्वविद्यालय खोलने जा रही है. पूर्णिया विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और मुंगेर विश्वविद्यालय खोलने के लिए राज्य कैबिनेट ने अनुमति दे दी है. बीएन मंडल से अलग होकर पूर्णिया विवि, मगध विवि से अलग होकर पाटलिपुत्र विवि और तिलका मांझी विवि से अलग होकर मुंगेर विवि की स्थापना की जा रही है. वहीं, राज्य में प्राइवेट यूनिवर्सिटी खोलने के लिए 11 प्रस्ताव आये हैं. इसमें से सात संस्थानों को एलओआइ निर्गत किया जा चुका है.
स्कूलों में बढ़ी लड़कियों की संख्या : राज्य के सरकारी स्कूलों में छात्राओं की संख्या बढ़ी है. कई जिलों में तो नामांकित छात्रों से ज्यादा छात्राएं हैं. सरकार स्कूल से बाहर के बच्चों को स्कूल में लाने, नामांकन में वृद्धि करने, नये प्राथमिक विद्यालय और प्लस टू स्कूल खोलने, क्लास की संख्या बढ़ाने, शिक्षकों की उपलब्धता और उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ-साथ प्रारंभिक स्कूलों को हाइ स्कूलों में अपग्रेड करने का काम चल रहा है.
विज्ञान व प्रावैधिकी
‍37.79 करोड़ की कटौती, हर जिले में खुलेंगे इंजीनियरिंग कॉलेज
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग और सूचना व प्रावैधिकी विभाग का बजट पिछले साल की तुलना में घटा दी है. विज्ञान प्रावैधिकी विभाग में 13.87 करोड़ और सूचना व प्रावैधिकी विभाग में 23.92 करोड़ रुपये वार्षिक बजट में घटाये गये हैं. राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग में 213.45 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जबकि 2016-17 के वित्तीय वर्ष में 227.32 करोड़ रुपये का प्रावधान था. इसी प्रकार सूचना व प्रावैधिकी विभाग मेें 248.64 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जबकि 2016-17 में 272.56 करोड़ रुपये का प्रावधान था.
राज्य सरकार ने विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग के बजट में कटौती की है. बावजूद इसके सात निश्चय के तहत हर जिले में एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की जायेगी. बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग भागलपुर के परिसर में 50 एकड़ जमीन पर आइआइआइटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी) की स्थापना भी की गयी है. वहीं, बोधगया में नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम के माध्यम से रीजनल साइंस सेंटर के निर्माण कराया जायेगा. इसके लिए सरकार ने राशि जारी कर दी है. इसके अलावा पटना में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी, दरभंगा में तारामंडल सह विज्ञान संग्रहालय का निर्माण किया जायेगा.
ऊर्जा विभाग
दो साल में सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य
राज्य के वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में ऊर्जा विभाग पर खास जोर दिया गया है. मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत अगले दो साल के भीतर सभी ग्रामीण एपीएल परिवारों को बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है. ग्रामीण विद्युतीकरण के तहत सभी एपीएल परिवारों को बिजली कनेक्शन दिया जायेगा. हर घर बिजली सरकार के सात निश्चय में शामिल है.
मार्च 2017 तक पूरे राज्य में आन स्पॉट बिलिंग लागू करने का लक्ष्य है. ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य ने काफी प्रगति की है. अक्तूबर 2015 में राज्य में पीक लोड पर 3459 मेगावाट बिजली आपूर्ति होती थी जो अक्तूबर 2016 में बढ़कर 3769 मेगावाट हो गयी. कांटी थर्मल पावर यूनिट से मार्च 2017 तक 195 मेगावाट की दो इकाई और बरौनी ताप बिजली घर में 250 मेगावाट की दो इकाई नवंबर 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य है. राज्य में अब 106 ग्रिड सब स्टेशन हो गया है. पिछले एक साल में राज्य में 392 गांवों में बिजली पहुंचायी गयी. 877557 बीपीएल परिवार को नया बिजली कनेक्शन दिया गया.
मुख्य बातें
कुल बजट प्रस्ताव : ‍10905.03 करोड़ रुपये
स्कीम मद में : 6795.59 करोड़
स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद : 4109.44 करोड़ रुपये
2016- 17 का बजट प्रस्ताव : 14367.84 करोड़ रुपये
पंचायती राज विभाग
1510 करोड़ रुपये की वृद्धि
होगा पंचायत भवनों का निर्माण
नये वित्तीय वर्ष में सरकार ने पंचायती राज विभाग के बजट में 1510.51 करोड़ की वृद्धि की है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में पंचायती राज विभाग का बजट 8694.43 करोड़ किया गया है. पंचायती राज विभाग में राशि की वृद्धि की प्रमुख वजह है. मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत ग्रामीम पेयजल निश्चय योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण योजना पर कुल 1625 करोड़ खर्च किये जायेंगे. पंचायत सरकार भवनों के निर्माण पर कुल 300 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं. विभाग द्वारा राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ग्राम कचहरी के निर्वाचित प्रतिनिधियों का मानदेय के लिए राशि स्वीकृत की गयी है.
मुख्य बातें
पंचम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को 2162.31 करोड़ मिलेंगे.
मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत 1625 करोड़ मिलेगा.
पंचायत सरकार भवनों के निर्माण के लिए 300 करोड़ दिया गया है.
पथ निर्माण विभाग
6635 करोड़ से होगा सड़कों का निर्माण
राज्य सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में सड़कों और पुलों के निर्माण पर 6635़ 90 करोड़ रुपये का खर्च करने की योजना बनायी है. यह चालू वित्तीय वर्ष से 36़ 84 करोड़ रुपये अधिक है. वर्ष 2016-17 में पथ निर्माण विभाग का बजट 6599़ 06 करोड़ था. 2017-18 में स्कीम मद में 5703़ 30 करोड़ रुपये और स्थापना और प्रतिबद्ध मद में 932़ 51 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
महत्वपूर्ण बिंदु
राज्य निधि से 2232 किलोमीटर नेशनल हाइवे का चौड़ीकरण
राष्ट्रीय सम विकास योजना से 2106 किमी स्टेट हाइवे का चौड़ीकरण
एडीबी योजना से 1072 किमी स्टेट हाइवे का चौड़ीकरण
राज्य योजना से 845 किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण
प्रकाशोत्सव पर 97़ 33 करोड़ से 36 परियोजनाओं का काम पूरा
पटना साहिब रेलवे स्टेशन के पास 78़ 72 करोड़ से आरओबी निर्माण
भारत-नेपाल सीमा सड़क और कच्ची दरगाह-बिदुपुर छह लेन के लिए जमीन अधिग्रहण काम में तेजी
मुख्यमंत्री सेतु योजना से 3143़ 02 करोड़ से 5034 योजनाएं पूरी की गयीं.
ग्रामीण विकास विभाग
4207 करोड़ रुपये की हुई बढ़ोतरी
राज्य में मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी देने के लिए राज्य सरकार को अपने खजाने से भरपायी करनी पड़ रही है. साथ ही एससी व एसटी के बसावटों के लिए संपर्क पथ व उनका पक्कीकरण एवं नली गली के निर्माण की योजना पर काम किया जा रहा है. इसी तरह से पंचायत स्तर पर मनरेगा भवनों का निर्माण किया जा रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन कराया जाना है.
खास बातें
मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी 167 रुपये की जगह 177 रुपये हुई.
एससी-एसटी बसावटों के लिए 13598 योजनाएं पूर्ण और 78405 योजनाओं पर कार्य प्रगति पर.
2924 मनरेगा भवनों का निर्माण किया जा रहा है.
2395 मनरेगा भवनों का निर्माण कार्य जारी, 529 योजनाएं पूर्ण.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4.88 लाख अपूर्ण आवासों को कराया गया पूरा.
इस पर 400.58 करोड़ खर्च.
जीविका के तहत 5.80 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन 4.10 लाख समूहों का बैंक द्वारा वित्त पोषण.
आधार योजना के तहत 8.25 करोड़ का आधार कार्ड सृजित.
101 प्रखंडों में सूचना प्रौद्योगिकी भवन का निर्माण.
बजट विश्लेषण
शिक्षा व अल्पसंख्यक विभाग पर ज्यादा खर्च, कई के बजट घटे
वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में सबसे ज्यादा खर्च शिक्षा और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग पर किया गया है. इन दोनों विभागों के बजट पर सबसे ज्यादा आवंटन किया गया है. शिक्षा विभाग हर बार सरकार की प्राथमिकताओं में रहा है. हालांकि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग भी शुरू से सरकार की प्राथमिकता में रहा है, लेकिन इस बार विभाग पर सबसे ज्यादा खर्च किया गया है. शिक्षा विभाग पर कुल पूंजीगत व्यय 80 हजार 891 करोड़ में सात हजार एक करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान रखा गया है, जो सभी विभागों की योजनाओं के लिए आवंटित की गयी राशि का 17.50 प्रतिशत है. नये वित्तीय वर्ष में शिक्षा के लिए 25 हजार 851 करोड़ का आवंटन रखा गया है.
वित्तीय वर्ष 2016-17 में 21 हजार 400 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया था. इस बार चार हजार 400 करोड़ ज्यादा का बंदोबस्त सिर्फ शिक्षा विभाग के लिए किया गया है. इसी तरह अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिए पिछली बार 300 करोड़ का प्रावधान था, जिसे इस बार बढ़ाकर 800 करोड़ कर दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान 500 करोड़ अतिरिक्त रुपये इस पर खर्च होंगे. दूसरी तरफ पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के बजट में करीब 400 करोड़ और एससी-एसटी कल्याण विभाग के बजट में करीब 300 करोड़ की कटौती की गयी है.
15 विभागों के बजट में कटौती, केंद्रीय कटौती कारण : नये वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में 15 विभागों के वार्षिक बजट में इस बार कटौती की गयी है. इसमें कृषि, निर्वाचन, ऊर्जा, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा कल्याण, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, स्वास्थ्य, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, श्रम संसाधन, विधि विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, एससी-एसटी कल्याण, गन्ना उद्योग और पर्यटन विभाग शामिल हैं.
कटौती की मुख्य वजह : केंद्र से बीआरजीएफ (बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड) में पांच हजार 600 करोड़ मांगा गया था, लेकिन इसमें महज एक हजार 339 करोड़ रुपये ही केंद्र की तरफ से आया है. इस वजह से ऊर्जा, स्वास्थ्य समेत अन्य महत्वपूर्ण सेक्टर में बड़ी कटौती की गयी है. इस वजह से वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में केंद्र से बीआरजीएफ के तहत महज 2600 करोड़ रुपये की ही मांग की है. इस वजह से कई महत्वपूर्ण विभागों के आवंटन में कटौती की गयी है.
15 विभागों के बजट में की गयी इस तरह से कटौती
विभाग 2016-17 2017-18
कृषि 2,718 2,644
निर्वाचन 979 908
ऊर्जा 14, 367 10,905
बीसी-इबीसी 1,975 1,536
खाद्य 2,146 1,644
स्वास्थ्य 8,234 7,001
आइटी 272 248
श्रम संसाधन 781 468
विभाग 2016-17 2017-18
विधि 819 696
सामान्य प्रशासन 532 524
योजना व विकास 3,503 2,841
विज्ञान व प्रौधोगिकी 227 213
एससी-एसटी 1,628 1,301
गन्ना उद्योग 121 118
पर्यटन 672 109
(सभी आंकड़े करोड़ में)
पहली बार ग्रामीण क्षेत्र में 20830 करोड़ खर्च
इस बार के बजट में ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा रुपये खर्च करने का प्रावधान रखा गया है. पहली बार राज्य के बजट में ग्रामीण क्षेत्र में इतना ज्यादा प्रावधान किया गया है. राज्य की सभी विभागों की योजनाओं के पूंजीगत व्यय में ग्रामीण क्षेत्र की सभी योजनाओं के लिए 25 फीसदी से ज्यादा राशि का आवंटन किया गया है. ग्रामीण विकास की योजनाओं के लिए 9725 करोड़ (12.02%), ग्रामीण कार्य के लिए 8516 करोड़ (10.53%) और पंचायती राज के लिए 2589 करोड़ (3.20%) रुपये का आवंटन किया गया है.
कृषि विभाग
73.39 करोड़ रुपये की कटौती
2718.13 करोड़ से घट कर 2644.74 करोड़ हुआ
कृषि विभाग में वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में पिछले बजट की तुलना में 73.39 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गयी है. सरकार ने सोमवार को 2644.74 करोड़ का बजट पेश किया, जबकि 2016-17 में कृषि का प्रस्तावित बजट 2718.13 करोड़ था. फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए श्री विधि से धान की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. जीरो टिलेज विधि से गेहूं की खेती को प्रोत्साहित करने, कस्टम हायरिंग केंद्र का विस्तार करने और हर किसान को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने की योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है.
एक नजर
कृषि शिक्षा के लिए मेधावी छात्र को 2000 रुपये हर माह स्टाइपेंड
6000 रुपये सलाना किताब खरीदने के लिए दिये जा रहे हैं
14 जिलों में 4169 तालाबों का किया गया निर्माण
786 जल संचयन संरचनाओं का किया गया निर्माण
जैविक खेती के लिए 18,730 वर्मी कम्पोस्ट इकाई की स्थापना
दलहन-तेलहन फसलों के बीज उत्पादन को दी जायेगी प्राथमिकता
बागवानी के अंतर्गत नये बाग की स्थापना व पुराने का होगा जीर्णोद्धार
औषधि व सुगंधित पौधे, फूलों की खेती व मसाला की खेती को किया जायेगा प्रोत्साहित
पर्यटन विभाग
चंपारण शताब्दी : गांधी से जुड़े स्थलों पर लगेंगे शिलापट्ट
पर्यटन विभाग का बजट प्रस्ताव वर्ष 2017-18 के लिए घटा है, हांलाकि उसकी जिम्मेवारियां बढ़ी हैं. पिछले साल विभाग का 672. 49 करोड़ का बजट था. जो इस बार घट कर 109.87 करोड़ पर आ गया है. इस वर्ष महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह पर कई कार्यक्रम होने हैं, जिसकी महत्ती जिम्मेवारी पर्यटन विभाग को मिली है. गांधी से जुड़े स्थलों की परियोजनाओं को विकसित करने के साथ-साथ वहां शिलापट्ट भी लगाये जाने हैं. यही नहीं, मुख्य सड़कों पर साइनेज का निर्माण, चंपारण सत्याग्रह पर बुकलेट भी जारी होने हैं.
इसके अलावा राजगीर में रज्जू पथ, बांका के मंदार पर्वत और रोहतासगढ़ किला में भी पथ निर्माण होना है. इन सबके अलावा डोंगेश्वर पर्वत, ब्रम्हयोनी पर्वत, गया, मुंडेश्वरी पर्वत, कैमूर पर्वत, प्रेतशिला पर्वत, गया के वाण सागर पर्वत, जहानाबाद में भी रज्जू पथ का निर्माण कराया जायेगा. इसके अलावा पर्यटन विभाग ने बाल्मिकी नगर नेशनल पार्क, विक्रमशीला गैंगे्टिक, डॉल्फिन अभ्यारण्य, घोड़ा-कटोरा, राजगीर, भीमबांध वण्यप्राणी अभ्यारण्य, मुंगेर, ककोलत जल प्रताप, नवादा, कैमूर तेलहर जल प्रताप और करकट जल प्रताप को इको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जायेगा. इन सबके अलावा राजगीर के घोड़ा कटोरा में भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा भी लगायी जायेगी.
मुख्य बातें
गांधी से जुड़े स्थलों पर शिलापट्ट लगाया जायेगा
पर्यटकों की सुविधा के लिए सड़कों के साइनेज का निर्माण
चंपारण सत्याग्रह समारोह का बुकलेट से प्रचार-प्रसार
ब्रह्मयोगिनी पर्वत, मुडेश्वरी पर्वत, प्रेतशिला पर्वत, वाणावर पर्वत, पर रोपवे का निर्माण
वाल्मीकिनगर नेशनल पार्क, डॉल्फिन अभ्यारण्य, घोड़ा-कटोरा, भीमबांध, ककोलत जलप्रपात को इको टूरिज्म के रूप में विकसित होगा
समाज कल्याण विभाग
विवाह करनेवाले नि:शक्तों को 50 हजार का अनुदान
बिहार में वर्ष 2017-18 में बाल विकास परियोजना, आंगनबाड़ी केंद्र और कन्या विवाह योजना पर अधिक फोकस होगा. समाज कल्याण विभाग ने इस बार अपना बजट प्रस्ताव बढ़ाया है. पिछले बार समाज कल्याण विभाग का बजट 5017.10 करोड़ का था, जो इस बार बढ़ कर 6006.26 करोड़ हो गया है.
समाज कल्याण विभाग ने इस वर्ष इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना और महिला सशक्तिकरण मिशन पर भी विशेष फोकस करने की योजना बनायी है. विभाग ने इसके तहत 1,31,500 लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य तय किया है. बजट प्रस्ताव में इसका विशेष रूप से उल्लेख किया गया है. इन सबके अलावा नेत्रहीन और मूक-बधिर विद्यालयों के उचित संचालन पर भी विभाग का विशेष जोर होगा. समाज कल्याण विभाग ने अपने बजट प्रस्ताव में नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना को भी प्राथमिकता दी है. इसके लिए विवाह करनेवाले नि:शक्तों को 50-50 हजार का अनुदान दिये जाने का प्रस्ताव किया गया है.

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