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टीपीसी उग्रवादियों को बचाने के लिए कमजोर कर दिया केस

उग्रवादी होने संबंधी धारा की जगह लगा दिया आर्म्स एक्ट अमन तिवारी रांची : पुलिस ने टीपीसी के उग्रवादी होने के आरोप में गिरफ्तार पांच लोगों पर 17 सीएलए एक्ट के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज नहीं की. सभी को उग्रवादी होने के आरोप से बचा लिया गया है. टीपीसी एक प्रतिबंधित संगठन है. किसी प्रतिबंधित उग्रवादी […]

उग्रवादी होने संबंधी धारा की जगह लगा दिया आर्म्स एक्ट
अमन तिवारी
रांची : पुलिस ने टीपीसी के उग्रवादी होने के आरोप में गिरफ्तार पांच लोगों पर 17 सीएलए एक्ट के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज नहीं की. सभी को उग्रवादी होने के आरोप से बचा लिया गया है.
टीपीसी एक प्रतिबंधित संगठन है. किसी प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन से जुड़े व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर पुलिस उसके खिलाफ आइपीसी की धारा 17 सीएलए एक्ट के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करती है. लेकिन डेली मार्केट थाना में पांचों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में 17 सीएलए एक्ट का उल्लेख नहीं है. पुलिस ने सभी को अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार होने के आरोप में आर्म्स एक्ट की धारा के अंतर्गत जेल भेजा है.
डेली मार्केट थाना में दर्ज है प्राथमिकी
ओरमांझी थाना प्रभारी सुमन कुमार सुमन की लिखित शिकायत पर डेली मार्केट थाना प्रभारी राजदेव प्रसाद ने प्राथमिकी दर्ज की है. सभी उग्रवादियों राजेश गंझू, प्रदीप केशरी, रोहित केशरी, जयराम भुईयां और महेश महतो को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया और शनिवार को आर्म्स एक्ट के केस में उन्हें जेल भेज दिया गया.
ओरमांझी थाना प्रभारी का दावा, उग्रवादी हैं सभी
ओरमांझी थाना प्रभारी सुमन कुमार सुमन ने प्राथमिकी में उल्लेख किया है कि उन्होंने डेली मार्केट के समीप सफारी गाड़ी से राजेश गंझू, प्रदीप केशरी, रोहित केशरी, जयराम भुईयां और महेश महतो को गिरफ्तार किया. महेश महतो ने बताया कि वह टीपीसी का एरिया कमांडर मनीष महतो का मौसेरा भाई है. ओरमांझी थाना प्रभारी ने प्राथमिकी में उल्लेख किया है कि पकड़े गये सभी व्यक्ति टीपीसी के सक्रिय सदस्य हैं. गाड़ी से हथियार भी मिला है. इसलिए मैं सभी को आर्म्स एक्ट की धारा के अंतर्गत गिरफ्तार करता हूं.
टीपीसी प्रतिबंधित संगठन है. संगठन से जुड़े होने के आरोप में किसी को गिरफ्तार किया जाता है, तब उस पर 17 सीएलए एक्ट की धारा लगाना आवश्यक है. डेली मार्केट थाना में टीपीसी के उग्रवादियों पर सिर्फ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है. सुपरविजन के दौरान 17 सीएलए की धारा जोड़ी जायेगी. किशोर कौशल, सिटी एसपी
ओरमांझी थाना प्रभारी ने प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर थाने में जो लिखित शिकायत की थी, उसमें सिर्फ आर्म्स एक्ट का उल्लेख था. इसलिए मैंने भी प्राथमिकी 17 सीएलए एक्ट के अंतर्गत दर्ज नहीं की. राजदेव प्रसाद, डेली मार्केट थाना प्रभारीगिरफ्तार लोग लेवी वसूलने के लिए अाये थे, लेकिन किसी ने लेवी की वसूली नहीं की. इसलिए मैंने किसी पर 17 सीएलए एक्ट के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध नहीं किया.
सुमन कुमार सुमन
ओरमांझी थाना प्रभारी
पुलिस पर उठ रहे सवाल
कहीं केस को कमजोर करने का प्रयास तो नहीं किया गया, ताकि उग्रवादियों को लाभ पहुंचाया जा सके?
थाना प्रभारी पर वरीय पुलिस अधिकारियों के स्तर से कोई दबाव तो नहीं था?
उग्रवादियों और पुलिस के बीच कोई डील तो नहीं हुई ?

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