पांचवीं अनुसूची के इलाके में जमीन अधिग्रहण से पहले ग्राम सभा की सहमति तथा जमीन के बदले जमीन जैसे कानून का पालन भी झारखंड में नहीं हो रहा है. जिनकी जमीन के नीचे खनिज मिलता है, उन्हें इसका शेयर नहीं दिया जा रहा. उन्होंने कहा कि मोमेंटम झारखंड के तहत निवेश जनता के लिए नहीं है. इसरो के लिए लांचिंग पैड बनानेवाले एचइसी की चिंता केंद्र व राज्य सरकार दोनों को नहीं है.
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निवेश जनता के लिए नहीं : वृंदा करात
रांची: झारखंड सरकार गैर मजरुआ जमीन पर वर्षों से बसे गरीब लोगों को उजाड़ना चाहती है. सरकार कहती है कि करीब 23 लाख एकड़ गैर मजरुआ जमीन उसके लैंड बैंक में है. पर इस जमीन पर गरीब बसे हुए हैं. उनकी रसीद भी कटती रही है. राज्य में निवेश का मोमेंटम हम सब चाहते हैं. […]
रांची: झारखंड सरकार गैर मजरुआ जमीन पर वर्षों से बसे गरीब लोगों को उजाड़ना चाहती है. सरकार कहती है कि करीब 23 लाख एकड़ गैर मजरुआ जमीन उसके लैंड बैंक में है. पर इस जमीन पर गरीब बसे हुए हैं. उनकी रसीद भी कटती रही है. राज्य में निवेश का मोमेंटम हम सब चाहते हैं. पर किसान हित की हत्या करके यह काम नहीं किया जा सकता. माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य नेता वृंदा करात ने यह कहा. वह शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस को संबोधित कर रही थी.
श्रीमती करात ने केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री पर भी कई आरोप लगाये. कहा कि केंद्र अब अनुसूचित जाति (एससी) तथा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए स्पेशल प्लान व सब प्लान के तहत बजट नहीं बना रहा. योजना आयोग को तो पहले ही खत्म कर दिया गया है. एससी-एसटी की आबादी के आधार पर मिलने वाले इस बजट की जरूरत झारखंड जैसे राज्य को ज्यादा है. पीएम मोदी तथा अमित शाह के बारे कहा कि दोनों यूपी चुनाव को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं. पहले दो चरण में पिछड़ने के बाद प्रधानमंत्री खेदजनक बयान दे रहे हैं. पर चुनाव अायोग व न्यायालय चुप हैं. श्रीमती करात ने सवाल किया कि चुनाव आयोग पीएम के बयान पर उन्हें नोटिस क्यों नहीं दे रहा. संवाददाता सम्मेलन में श्रीमती करात के साथ माकपा के प्रकाश विप्लव व गोपीकांत बक्सी भी मौजूद थे.
चार अप्रैल को रैली
माकपा नेता प्रकाश विप्लव ने कहा कि चार अप्रैल को रांची में सीएनटी-एसपीटी एक्ट, मोमेंटम झारखंड, होल्डिंग टैक्स में वृद्धि तथा सरकार के शराब बेचने के निर्णय जैसे मुद्दे को लेकर राज्य स्तरीय रैली होगी. इसकी तैयारी विभिन्न जिलों में चल रही है.
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