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मजदूरों की जिंदगी दावं पर लगा सुशी परियोजना में हो रहा खनन

धनबाद : कोयला उद्योग में जैसे-जैसे फटाफट कोयला उत्पादन कर टारगेट पूरा करने की कार्य संस्कृति के रूप में आउटसोर्सिंग की प्रथा मजबूत हुई है, वैसे-वैसे सारे नियम-कानून को ताक पर रखकर काम करने का प्रैक्टिस भी बढ़ता गया है. खान सुरक्षा संबंधित कानून अब महज किताबों में ही रह गये हैं. जहां एक ओर […]

धनबाद : कोयला उद्योग में जैसे-जैसे फटाफट कोयला उत्पादन कर टारगेट पूरा करने की कार्य संस्कृति के रूप में आउटसोर्सिंग की प्रथा मजबूत हुई है, वैसे-वैसे सारे नियम-कानून को ताक पर रखकर काम करने का प्रैक्टिस भी बढ़ता गया है. खान सुरक्षा संबंधित कानून अब महज किताबों में ही रह गये हैं. जहां एक ओर कोयला खनन में जुटी आउटसोर्सिंग कंपनियों को अधिक-से-अधिक मुनाफा चाहिए, वहीं दूसरी ओर कोल कंपनियों को कोयला. यही कारण है कि आउटसोर्सिंग कंपनियां सुरक्षा संबंधित कानून को ताक पर रखकर उत्खनन कार्य में लगी हैं. ऐसा ही एक मामला बीसीसीएल के लोदना एरिया में प्रकाश में आया है.

लोदना में मेगा प्रोजेक्ट चला रही मेसर्स सुशी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सुरक्षा के सारे नियम-कानून को ताक पर रख कर कोयला उत्खनन कार्य में जुटी है. इससे ललमटिया जैसी खान दुर्घटना यहां दोहराने से इनकार नहीं किया जा सकता. बावजूद बिना किसी रोक-टोक के आउटसोर्सिंग कंपनी सुशी नियमों की अनदेखी करते हुए धड़ल्ले से उत्खनन कार्य कर रही है.

क्या है मामला : लोदना एरिया में मेसर्स सुशी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड नामक आउटसोर्सिंग कंपनी को 4200 करोड़ रुपये का कोयला और ओबी (ओवर बर्डेन) उत्खनन का कार्य आवंटित किया गया है. सुशी कंपनी द्वारा परियोजना में सुरक्षा संबंधी नियम-कानून को ताक पर रख कर खनन कार्य किया जा रहा है. माइनिंग के जानकार लोगों की माने, तो ऐसे ही कार्य चलता रहा तो एक दिन बड़ा खान हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.
आग की लपटों वाले ओबी की डंपिंग : बताते हैं कि अग्नि प्रभावित माइंस होने के कारण मेसर्स सुशी आउटसोर्सिंग परियोजना से जो ओबी निकाला कर डंप किया जा रहा है, उसमें सिर्फ आग की लपटे होती हैं. बिना पानी छिड़काव की उचित व्यवस्था के ओबी की निकासी कर डंप किया जा रहा है. डंपिंग के दौरान उड़नेवाले आग मिश्रित डस्ट से ब्राह्मण बरारी बस्ती समेत अन्य मजदूर कॉलोनी के वाशिंदे परेशान हैं.
टायर माउंटेन ड्रिल का उपयोग
परियोजना अग्नि प्रभावित है. बावजूद इसके चैन माउंटेन ड्रिल मशीन की बजाय टायर माउंटेन ड्रिल मशीन से ड्रिलिंग का कार्य कराया जा रहा है. इससे कभी भी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है. खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) टायर माउंटेन ड्रिल मशीन के इस्तेमाल पर रोक लगाये हुए है. डीजीएमएस का कड़ा निर्देश है कि किसी भी आउटसोर्सिंग परियोजना में टायर माउंटेन ड्रिल मशीन का इस्तेमाल नहीं करना है, बावजूद आउटसोर्सिंग कंपनी मेसर्स सुशी कंपनी टायर माउंटेन ड्रिल मशीन का इस्तेमाल कर रही है.
बिना ट्रेनिंग के मजदूरों से काम
बताते हैं कि मेसर्स सुशी आउटसोर्सिंग कंपनी बिना वोकेशनल ट्रेनिंग कराये मजदूरों से कार्य करा रही है. यहां तक की अप्रशिक्षित मजदूरों से 60 टन की डंपर और हैबी पोकलेन मशीन चलाने तक का कार्य लिया जा रहा है. डीजीएमएस के नियमों के मुताबिक किसी भी आउटसोर्सिंग परियोजना में बिना वोकेशनल ट्रेनिंग के एक भी मजदूर से कार्य नहीं लिया जा सकता. परियोजना में लाइटिंग की समुचित व्यवस्था के बिना रात्रि पाली में माइनिंग करायी जा रही है, जो मजदूरों की जान से खिलवाड़ है.
मामले की जांच के लिए श्रम मंत्री को लिखा हूं पत्र
बीसीसीएल के लोदना एरिया में कार्यरत सुशी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सुरक्षा के सारे नियमों को धत्ता बताते हुए कोयला खनन का कार्य किया जा रहा है. इसे यथाशीघ्र बंद करने और मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए केंद्रीय श्रम मंत्री को पत्र लिखा हूं, ताकि लोदना में ललमटिया जैसी दुर्घटना दोहरायी नहीं जा सके.
राज सिन्हा, विधायक

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