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झारखंड सरकार एक अगस्त से खुदरा शराब भी बेचेगी, अनुसूचित क्षेत्र में नहीं होगी बिक्री
रांची : झारखंड सरकार ने अगस्त से खुदरा शराब खुद बेचने का फैसला किया है. शराब की बिक्री बिवरेज कॉरपोरेशन के माध्यम से की जायेगी. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी. राज्य सरकार ने शराब से राजस्व की बढ़ोतरी के उद्देश्य से यह फैसला लिया है. सरकार […]
रांची : झारखंड सरकार ने अगस्त से खुदरा शराब खुद बेचने का फैसला किया है. शराब की बिक्री बिवरेज कॉरपोरेशन के माध्यम से की जायेगी. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी. राज्य सरकार ने शराब से राजस्व की बढ़ोतरी के उद्देश्य से यह फैसला लिया है. सरकार ने शराब की खुदरा बिक्री की तैयारी के लिए मौजूदा शराब विक्रेताओं को चार माह का अवधि विस्तार दिया है. इस अवधि में शराब की बिक्री मौजूदा व्यवस्था के तहत होगी. इस दौरान सरकार खुदरा शराब की बिक्री के लिए आधारभूत संरचना तैयार करेगी.
विक्रेताओं के लाइसेंस का नवीकरण जुलाई 2017 तक के लिए किया जायेगा. बिवरेज कॉरपोरेशन फिलहाल थोक शराब की बिक्री करता है.
अनुसूचित पंचायतों में नहीं होगी शराब की बिक्री : शराब की बिक्री अनुसूचित पंचायतों में नहीं की जायेगी. पहले भी इन क्षेत्रों में लाइसेंस निर्गत नहीं किया जाता था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में नेशनल और स्टेट हाइवे के किनारे चल रही शराब की दुकानों के लाइसेंस का नवीकरण उनकी अवधि समाप्त होने के बाद नहीं किया जायेगा. इन जगहों पर शराब की बिक्री कॉरपोरेशन के माध्यम से भी नहीं की जायेगी. खुदरा शराब की बिक्री के लिए संविदा पर लोगों की नियुक्ति की जायेगी.
वित्त विभाग ने तीन शर्तों पर दी अनुमति
वित्त विभाग ने बिवरेज कॉरपोरेशन के माध्यम से शराब बेचने की अनुमति तीन शर्तों के साथ दी है. खुदरा दुकानों की बंदोबस्ती नहीं होने से 2016-17 में मिले 150 करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को नहीं मिलेगा. उत्पाद विभाग ने एक्साइज ट्रांसपोटेशन ड्यूटी के रूप में इसकी भरपाई करने की बात कही है. वित्त विभाग की ओर से लॉटरी से मिलनेवाले 70-80 करोड़ रुपये के नुकसान पर उठाये गये सवाल के जवाब में उत्पाद विभाग ने भविष्य में परोक्ष रूप से भरपाई करने का भरोसा दिलाया है. उत्पाद विभाग ने कहा है कि कैश हैंडलिंग के लिए बैंक से टाइअप और मैनपॉवर एजेंसी से गारंटी की व्यवस्था संभावित है.
शराब के खुदरा व्यापार के लिए दुकानों की तलाश कर उनका संचालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेवारी उपायुक्तों को दी गयी है
प्रस्तावित स्थल पर दुकानें नहीं मिलने की स्थिति में सरकार उन दुकानों को अधिग्रहित कर सकेगी
जरूरत पड़ने पर सरकारी भूमि पर भी दुकानों का निर्माण कर शराब की खुदरा बिक्री की जायेगी
दुकानों के निर्माण के लिए सरकार उपायुक्त को राशि देगी
दुकानों के संचालन की आधारभूत संरचना जैसे रैक, कैश सेल्फ, डीप फ्रिजर, कंप्यूटर, सीसीटीवी आदि की व्यवस्था का जिम्मा भी उपायुक्तों को ही दिया गया है
आउटसोर्सिंग से नियुक्ति
शराब की खुदरा दुकानों के संचालन के लिए आउटसोर्सिंग के जरिये विभिन्न स्तरों पर कर्मचारियों की नियुक्ति की जायेगी. इनमें मैनेजर से सेल्स मैन तक का पद शामिल होगा
आउटसोर्सिंग करनेवाली कंपनी का फैसला झारखंड राज्य बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी बोर्ड की सहमति से करेंगे
एक दुकान में तीन कर्मियों को लगाया जायेगा
रांची : सरकार द्वारा एक अगस्त से शराब बेचने के फैसले का कैबिनेट की बैठक में विरोध हुआ़ मंत्री सरयू राय, सीपी सिंह और चंद्रप्रकाश चौधरी ने कैबिनेट के अंदर विरोध दर्ज कराया. यह प्रस्ताव कैबिनेट में सबसे अंत में लाया गया़
प्रस्ताव आते ही मंत्री सरयू राय ने कहा कि यह ठीक नहीं हो रहा है़ सरकार शराब बेचेगी, तो सरकार की साख और समाज का स्वास्थ्य गिरेगा़ मंत्री श्री राय ने कहा कि विभाग का नाम उत्पाद एवं मद्य निषेध है़ विभाग बताये कि मद्य निषेध के लिए सरकार ने क्या उपाय किये है़ं विभाग का काम केवल शराब बेचना नहीं, इसका निषेध भी करना है़ मंत्री सीपी सिंह ने पूछा कि इसकी कौन गारंटी लेगा कि सरकार शराब बेचेगी, तो राजस्व 11 सौ करोड़ से बढ़ जायेगा़ सरकार को यह काम नहीं करना चाहिए़ मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने भी प्रस्ताव के विरोध में अपनी आपत्ति दर्ज करायी़
उधर मंत्री सरयू राय का कहना था कि सरकार मद्य निषेध के लिए बिहार, गुजरात की तर्ज या फिर अपना कोई कानून बना सकती है़ राज्य सरकार शराब का कोटा धीरे-धीरे कम कर निषेध की दिशा में बढ़ सकती है़ चार महीने के लिए एक्सटेंशन दिया जा रहा है, तो उसका ऑक्सन क्यों नहीं किया जा रहा है़
मंत्री श्री राय का कहना था कि तमिलनाडु में सरकार ने शराब बेचना शुरू किया, तो 500 दुकानें बंद हो गयी़ं छत्तीसगढ़ सरकार उन्हीं दुकानों को चला रही है, जिसकी नीलामी नहीं हो पायी थी़ मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी का कहना था कि वह इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकते है़ं उधर मंत्रियों की आपत्ति पर मुख्यमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया़ मंत्रियों के विरोध के बीच ही कैबिनेट की बैठक खत्म हो गयी़
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