उदासीनता बोखड़ा पीएचसी में महिला चिकित्सक का अभाव, एएनएम से ली जाती है सहायता
सीतामढ़ी/बोखड़ा : जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाली के दौर में है. अस्पतालों में संसाधनों का अभाव है ही, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक व कर्मियों की कमी के चलते मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
बोखड़ा प्रखंड में चिकित्सकों की कमी बड़ी परेशानी बन कर उभरी है. बोखड़ा पीएचसी में न तो महिला चिकित्सक की तैनाती है और नहीं शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की ही. हालत यह है कि पुरुष चिकित्सक ही महिलाओं का प्रसव कराते है. साथ ही इलाज भी करते है. महिला चिकित्सक के नहीं रहने के कारण महिलाओं को पुरुष चिकित्सक से इलाज कराने में परेशानी होती है. कुछ महिलाएं तो पुरुष चिकित्सक को अपनी परेशानी भी नहीं बता पाती है. उधर, प्रसव के बाद नवजात बच्चों के इलाज की भी व्यवस्था पीएचसी में नहीं है. शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के अभाव में नवजात का इलाज करा पानी इलाके के लोगों के लिये बड़ी परेशानी बन गया है. हालत यह है कि बोखड़ा पीएचसी में जच्चा-बच्चा, दोनों राम भरोसे रह गये है.
हर माह 125 से 140 महिलाओं का कराया जाता है प्रसव
बोखड़ा पीएचसी में हर माह औसतन 125 से 140 महिलाओं का प्रसव कराया जाता है. अस्पताल में एनसीबी मशीन भी नहीं है. पूर्व में मशीन खरीदी गयी थी, जो बाद में चोरी हो गयी. इसके चलते चिकित्सक भी परेशान है. अस्पताल में महज सात बेड है, जो प्रसव को आयी महिला रोगियों से ही भरी रहती है.
आठ डॉक्टर की जगह चार से हाे रहा इलाज
पीएचसी के चिकित्सक डाॅ फैयाज अहमद बताते है कि महिला चिकित्सक के अभाव में पुरुष चिकित्सक ही प्रसव कराते है और महिलाओं का इलाज भी करते है. इसमें एएनएम से सहयोग लिया जाता है. हालांकि इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. महिला व शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक का अभाव है. बताया कि चिकित्सकों के आठ पद के विरुद्ध महज चार चिकित्सक ही पदस्थापित हैं.
डॉ फैयाज अहमद, पीएचसी डॉक्टर