मुंबई : टीसीएस कंपनी में बतौर सीइओ के रूप में नटराजन चंद्रशेखरन का आज आखिरी दिन है.चंद्रा के नाम से कंपनी में मशहूर नटराजन चंद्रशेखरन के कार्यकाल में टीसीएस ने जमकर मुनाफा कमाया. टीसीएस, टाटा ग्रुप के लिए दुधारू गाय साबित हुई है. गौरतलब है कि रतन टाटा ने नटराजन चंद्रशेखरन को टाटा संस का चेयरमैन बनाने की घोषणा की थी. कल से टाटा संस के चेयरमैन का पद संभालेंगे.
इसके बाद टीसीएस के सीइओ के लिए राजेश गोपीनाथन को चुना गया. राजेश गोपीनाथन आज से टीसीएस के सीइओ व मैनेजिंग डायरेक्टर होंगे. हालांकि सूत्रों से प्राप्त जानकारी की मुताबिक टीसीएस शेयरधारकों के लिए जल्द कोई बड़ा निर्णय लेने जा रही है. आईटी इंडस्ट्री में संभावित मंदी के खतरे को देखते हुए कंपनी शेयरधारकों को शेयर बायबैक करने का विकल्प दे सकती है. टीसीएस के सामने आगे मंदी के माहौल में अच्छा करने की चुनौती रहेगी.
कैसा रहा टीसीएस के सीइओ के रूप में चंद्रशेखरन का कार्यकाल
1. टीसीएस का शुद्ध लाभ मौजूदा वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी-तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर 2016-17) में 10.9 प्रतिशत बढ़कर 6,778 करोड़ रुपये हो गया. 2009 में जब आईटी इंडस्ट्री संकट के दौर से गुजर रही थी, उस वक्त चंद्रशेखरन ने अपने कुशल नेतृत्व के बदौलत आर्थिक झटके से बचाया.
2.भारतीय सॉफ्टेवेयर डेवलपर्स कंपनियों में टीसीएस पहली कंपनी बनकर उभरी जिसने सालाना रेवन्यू में 10 अरब डॉलर का का आंकड़ा पार किया. चंद्रशेखरन के नेतृत्व में से पूर्व टीसीएस की आमदनी 2010 में 30,000 करोड़ रुपये थी.
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