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पढें, पाकुड़ के प्रीतम को अमेरिका में क्यों किया जाएगा सम्मानित

पाकुड़ : पाकुड़ के लाल प्रीतम कुमार सिन्हा ने न सिर्फ पाकुड़ बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है. आइआइटी (आइएसएम) धनबाद से माइनिंग इंजीनियरिंग कर रहे प्रीतम को सोसायटी फॉर माइनिंग मेटलर्जी एंड एक्सप्लोरेशन (एसएमइ) आउटस्टैंडिंग स्टूडेंट चैप्टर अवार्ड से कोलोराडो, अमेरिका में सम्मानित किया जायेगा. खुशी की बात यह है कि यह […]

पाकुड़ : पाकुड़ के लाल प्रीतम कुमार सिन्हा ने न सिर्फ पाकुड़ बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है. आइआइटी (आइएसएम) धनबाद से माइनिंग इंजीनियरिंग कर रहे प्रीतम को सोसायटी फॉर माइनिंग मेटलर्जी एंड एक्सप्लोरेशन (एसएमइ) आउटस्टैंडिंग स्टूडेंट चैप्टर अवार्ड से कोलोराडो, अमेरिका में सम्मानित किया जायेगा.

खुशी की बात यह है कि यह अवार्ड पहली बार आइआइटी आइएसएम धनबाद को मिलने जा रहा है. जानकारी के मुताबिक वर्ल्ड में कुल 60 एसएमइ इंटरनेशनल चैप्टर्स हैं, इस प्रतियोगिता के लिए सिर्फ तीन यूनिवर्सिटी का ही चयन किया गया है. जिसमें पहला स्थान आइआइटी आइएसएम धनबाद को प्राप्त हुआ है. जबकि अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ केंटकी को दूसरा व कोलोराडो स्कॉल ऑफ माईंस को तीसरा स्थान मिला है. आइआइटी सोसाइटी के प्रेजिडेंट प्रीतम आउटस्टैंडिंग स्टूडेंट चैप्टर अवार्ड प्राप्त करेंगे. प्रीतम यूएसए में एसएमइ एनुअल कॉन्फ्रेंस में रिसर्च पेपर भी प्रजेंट करेंगे.

एसएमइ एनुअल कॉन्फ्रेंस 19-22 फरवरी को कोलोराडो कन्वेंशन सेंटर, डेनवर कोलोराडो, यूएसए में आयोजित किया जा रहा है. प्रीतम ने बताया कि उनका चयन एसएमइ इंटरनेशन यंग लीडर्स कमेटी यूएसए में भी किया गया है. प्रीतम सिन्हा के इस उपलब्धि से उनके पिता चंचल प्रसाद सिन्हा भी काफी खुश हैं. प्रीतम के पिता श्री सिन्हा ने बताया कि उन्हें गर्व है कि उनका बेटे ने यह मुकाम हासिल किया और न सिर्फ पाकुड़ बल्कि देश का भी परचम अमेरिका में लहराने का काम किया है.

मनचाहे साइज में खदान से निकलेगा कोयला

माइनिंग इंजीनियरिंग के छात्र प्रीतम कुमार सिन्हा का कहना है कि सब कुछ ठीक रहा तो कोयला खदानों से मनपसंद साइज का कोयला निकलेगा. बताया कि उन्होंने एक रिसर्च प्रोजेक्ट तैयार किया है. मॉडल से संबंधित रिसर्च पेपर का प्रजेंटेशन 21 फरवरी को डेनवर क्लारोडा में आयोजित इंटरनेशन कॉन्फ्रेंस में होगा. बताया कि उनका रिसर्च प्रीडिक्शन ऑफ रॉक फ्रेगमेंटेशन इन बंच ब्लास्टिंग: आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क एंड मशीन लर्निंग बंच ब्लास्टिंग पर आधारित है. बताया कि मॉडल टेस्टिंग के बाद अगली कड़ी में सॉफ्टवेयर तैयार होगा. बता दें कि अभी खदानों में ब्लास्टिंग के बाद कोयला की साइज अलग-अलग होती है, इसे क्रशिंग कर तैयार किया जाता है. इस नयी तकनीक से कोयला उत्पादन में वृद्धि होगी और आप 50 सेमी, 20 सेमी या जिस साइज में चाहेंगे, उसी साइज में आपको कोयला मिलेगा.

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