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प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति. नहीं हुई कोई धांधली : पार्थ

कोलकाता: प्राथमिक स्कूल शिक्षकों की नाैकरी के लिए टेट (टीचर्स एलीजेबिलिटी टेस्ट) के परीक्षार्थी लगातार विक्षोभ प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में बोर्ड व कुछ स्वार्थी लोग मिलकर धांधली कर रहे हैं. इसके जवाब में शनिवार को राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि टेट के परीक्षार्थियों […]

कोलकाता: प्राथमिक स्कूल शिक्षकों की नाैकरी के लिए टेट (टीचर्स एलीजेबिलिटी टेस्ट) के परीक्षार्थी लगातार विक्षोभ प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में बोर्ड व कुछ स्वार्थी लोग मिलकर धांधली कर रहे हैं. इसके जवाब में शनिवार को राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि टेट के परीक्षार्थियों द्वारा किया जा रहा आंदोलन आधारहीन है.
नियुक्ति प्रक्रिया में कोई धांधली नहीं की गयी है. पैरा टीचर्स नियुक्ति की इस श्रेणी में नहीं आते हैं. कुछ विपक्षी पार्टियां बिना वजह इसको लेकर अफवाह फैला रही हैं. साथ ही ये लोग आंदोलन कर रहे टीचर्स को भी बोर्ड कार्यालय में जाकर हमला करने के लिए उकसा रहे हैं. जो टीचर प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें स्कूल में होना चाहिए, ताकि वे बच्चों की कक्षाएं ले सकें, लेकिन वे प्रदर्शन में लगे हुए हैं. इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. साथ ही इनके वेतन में भी कटाैती की जायेगी.

उनका कहना है कि प्राथमिक शिक्षकों की कुल नियुक्ति में 10 प्रतिशत आरक्षण पैरा टीचर्स का होता है. अगर ये लोग इस तरह आंदोलन करेंगे, तो अगले साल से इनका आरक्षण सरकार रद्द कर देगी. उल्लेखनीय है कि नियुक्ति को लेकर पूरे राज्य में टेट के परीक्षार्थी आंदोलन कर रहे हैं. उनका आरोप है कि उन्होंने टीचर के रूप में आवेदन किया व इंटरव्यू दिया था. अब उनको पैरा टीचर्स की श्रेणी में रखा जा रहा है. नियुक्ति के लिए उनसे रिश्वत मांगी जा रही है. इसे लेकर वे प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी को लेकर शिक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि इस पर रोक लगायें, वरना खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

फंड का सही उपयोग करने का निर्देश : राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी कर कॉलेजों व विश्वविद्यालयों को मिल रहे फंड का सही उपयोग करने का निर्देश दिया है. कहा गया है कि जो फंड संस्थान के विकास कार्यों व इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए दिया जा रहा है, उसको उसी मद में खर्च करें. खर्च का हिसाब रखते हुए उसमें पारदर्शिता बनाये रखें. फंड का किसी भी रूप में दुरुपयोग होने की सूचना मिलने पर संस्थान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. यह जानकारी कॉलेज के एक प्रिंसिपल ने दी है. उनका कहना है कि शिक्षा विभाग की ओर से चेतावनी दी गयी है कि नियम का उल्लंघन करने पर संस्थान को मिलनेवाला फंड या अनुदान रद्द किया जा सकता है. यूजीसी द्वारा विभिन्न योजनाओं के लिए दिये गये फंड का भी सही अकाउंट मेंटेन किया जाना चाहिए. राज्य में उच्च शिक्षा के संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ सुचारू रूप से व्यवस्थित कामकाज के लिए अब संस्थानों पर निगरानी रखी जा रही है. इसके लिए निगरानी कमेटियां भी अलग-अलग स्तर पर नियुक्त की जा रही हैं.

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