नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को डीडीसीए और चेतन चौहान द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में अगले महीने पेश होने का आज निर्देश दिया. हालांकि उन्हें चिकित्सा कारणों की वजह से व्यक्तिरुप से पेश नहीं होने की छूट दे दी.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा ने केजरीवाल को 21 मार्च को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया. उसी दिन अदालत नोटिस का प्रारुप तय करने के मुद्दे पर जिरह भी सुनेगी. इस मामले में अदालत ने केजरीवाल के साथ आरोपी के रुप में तलब किए गए भाजपा के निलंबित सांसद कीर्ति आजाद को जमानत प्रदान कर दी. उन्हें दस हजार रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि की जमानत जमा करने के बाद जमानत दी गयी और अदालत ने कहा कि यह अपराध जमानत योग्य है.
सुनवाई के दौरान, दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) का पक्ष रखने वाले अधिवक्ता संग्राम पटनायक और चौहान ने आजाद के वकील के इन तर्को का विरोध किया कि शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश विक्रमजीत सेन को क्रिकेट ईकाई का प्रशासक नियुक्त किया है.
पटनायक ने कहा कि शिकायत सुनवाई योग्य है क्योंकि पिछले साल शिकायत दर्ज किए जाने के समय चौहान डीडीसीए के उपाध्यक्ष थे और उन्होंने क्रिकेट ईकाई के अधिकृत प्रतिनिधि के तौर पर और साथ ही अपनी ओर से याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने आज के लिए उन्हें निजी पेशी से यह कहते हुए छूट दिए जाने की मांग की कि वह 22 फरवरी तक इलाज के लिए बेंगलूर में हैं तथा उनकी गैर मौजूदगी जानबूझकर नहीं है.