समस्या. सड़क के खराब होने से बढ़ गयी दुर्घटना की आशंका
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पुल के ऊपर दिख रहा छड़
समस्या. सड़क के खराब होने से बढ़ गयी दुर्घटना की आशंका प्रखंड की आधी से अधिक आबादी को मुख्यालय से जोड़नेवाला सोनो-चरकापत्थर मार्ग पूरी तरह टूट कर खराब हो गया है. इस सड़क पर प्रतिदिन आने-जानेवाले गाड़ियों के दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. सोनो : प्रखंड के पश्चिम क्षेत्र चरकापत्थर की ओर जाने वाली […]
प्रखंड की आधी से अधिक आबादी को मुख्यालय से जोड़नेवाला सोनो-चरकापत्थर मार्ग पूरी तरह टूट कर खराब हो गया है. इस सड़क पर प्रतिदिन आने-जानेवाले गाड़ियों के दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
सोनो : प्रखंड के पश्चिम क्षेत्र चरकापत्थर की ओर जाने वाली यह सड़क सौ से भी ऊपर गांव की मुख्य सड़क है. यही नहीं जिस चरकापत्थर व उसके आसपास के इलाके को यह सड़क जोड़ती है वह पूरी तरह नक्सल प्रभावित है. इसी सड़क से महेश्वरी व चरकापत्थर स्थित कैंप में सुरक्षा कर्मियों व अधिकारियों के वहनों का भी आना जाना है.टूटी सड़क सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकते है.सरकार इन नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास को लेकर अलग से बड़ी राशि खर्च करती है.इन सारे कवायद के बावजूद मुख्य सड़क की खास्ता हालत विकास के दावे की पोल खोलने के लिए काफी है.
बरनार कोजवे का चुरहेत घाट पर खत्म होते ही इस सड़क की दुर्गति की तस्वीर दीखने लगती है. चुरहेत गांव से सड़कों के टूटने का शुरू हुआ सिलसिला चरकापत्थर तक बदस्तूर जारी मिलता है.इस सड़क पर स्थित शुकनर नदी पर बना पुल भी का ढलाई टूटता जा रहा है. पुल के ऊपर सड़क पर ढलाई का छड़ बाहर निकल आया है. सड़क के अधिकांश जगहों के पक्की सतह टूट गया है जबकि कहीँ कहीँ तो सड़क पर खतरनाक गड्ढे भी बन गए है. तकरीबन आठ-दस किलोमीटर के इस सड़क को पार करने में वाहनो को घंटे भर का समय लग जाता है.उक्त सड़क से जुड़ने वाली कई अन्य सड़के भी काफी क्षतिग्रस्त है. महेश्वरी, अगहरा, छुछनरिया, रजौन, थम्हन सहित कई मुख्य जगह जाने वाली सड़क भी जर्जर हो गयी है. ऐसा नही कि इन सड़कों की मरम्मति नही होती परंतु गुणवत्ता पूर्ण कार्य के आभाव में कुछ ही वर्षो में सड़क दम तोड़ देती है.अगर सोनो-चरकापत्थर मार्ग पर गत दो वर्षों के सड़क दुर्घटना का आंकड़ा देखा जाय तो इसमें अधिकांश दुर्घटनाएं टूटे सड़क से वाहन के अनियंत्रित होने के कारण हुई. पश्चिमी क्षेत्र के कई बुद्धिजीवियों का मानना है कि यह सड़क प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र का लाइफ लाइन है और इस क्षेत्र के विकास के लिए इस बेहद अहम व मुख्य सड़क का बेहतर तरीके से चौड़ीकरण करते हुए इसका गुणवत्तापूर्ण निर्माण आवश्यक है.इससे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास की रौशनी पहुंचाने में प्रशासनिक तंत्र को काफी मदद भी मिलेगी. बहरहाल कई वर्षों से टूट कर जर्जर हो चुका यह सड़क फिलवक्त किसी उद्धारक की बाट जोह रहा है.
प्रखंड की आधी से अधिक आबादी को मुख्यालय से जोड़नेवाला सोनो-चरकापत्थर मार्ग पूरी तरह टूट कर खराब हो गया है. इस सड़क पर प्रतिदिन आने-जानेवाले गाड़ियों के दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
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