पटना : बिहार के बहुचर्चित टॉपर घोटाला मामले के मास्टरमाइंड बच्चा राय की जमानत पर पटना हाइकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने मुख्य अारोपियों में से एक हाजीपुर के वीएनआर कालेज के संचालक बच्चा राय को मंगलवार को जमानत दे दी. पटना उच्च न्यायालय के जस्टिस वीरेंद्र कुमार की एकल पीठ ने सरकारी वकील के भारी विरोध के बाद भी बच्चा राय की जमानत को मंजूरकर किया. कोर्ट ने सरकार से एक महीने के भीतर बच्चा राय के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने का निर्देश दिया. आरोप पत्र दायर होने के बाद ही बच्चा राय की जेल से रिहाई होगी. बच्चा राय की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पूरा कोर्ट परिसर वकीलों से खचाखच भरा था.
महाधिवक्ता ने किया जमानत का विरोध
इंटर काउंसिल के वकील और प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि यह टापर घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक है. इसी के कॉलेज की छात्रा रूबी राय को इसी ने साजिशन फरजी तरीके से इंटर आर्टस में टाप करवाया था. इसके आवास से सरकारी मुहर और कई दस्तावेज प्राप्त हुए थे. लेकिन, कोर्ट ने कहा कि अब सरकार को इसके खिलाफ ट्रायल शुरू करवानी चाहिए. कोर्ट ने पुलिस को एक महीने के भीतर आरोप पत्र दायर करने का आदेश दिया. एक महीने बाद भी यदि पुलिस आरोप पत्र दायर निहीं कर पाती है तो भी बच्चा राय की रिहाई हो जायेगी.
पुलिस ने आरोप पत्र दायर नहीं किया तो रिहा हो जायेगा बच्चा
कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि पुलिस ने आरोप पत्र दायर कर दिया तो भी वह जेल से रिहा हो जायेगा. आरोप पत्र दायर हो जाने से तत्काल उसके खिलाफ ट्रायल आरंभ हो जायेगा. बच्चा राय टापर्स घोटाले का दूसरा प्रमुख आरोपी है जिसकी जमानत मंजूर हुई है. इसके पहले इंटर काउंसिल बोर्ड के चेयरमैन की पत्नी और पूर्व विधायक उषा सिन्हा को जमानत मिल चुकी है. जबकि, बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह और सचिव समेत अन्य अभी भी जेल में बंद हैं.