तमिलनाडु में सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में शशिकला को चार साल की सजा सुनायी है. उच्चतम न्य़ायलय के इस फैसले के साथही शशिकला की मुख्यमंत्री बनने की सारी संभावनाएं खत्म हो गयी.शशिकला अगले छह सालों तक चुनाव नहीं लड़ पायेंगी. जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष और अमिताभ राय ने यह फैसला सुनाया है. शशिकला को तीन साल छह महीने तक जेल की सजा काटनी होगी. ज्ञात हो कि आय से अधिक संपत्ति मामले मेंशशिकलाछह महीने की सजा काट चुकी हैं.
12:52PM : शशिकला ने पन्नीरसेल्वम को पार्टी से निकाला, ई पलानीसामी नये नेता
12:48PM :शशिकला पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती हैं, लेकिन उनकी सजा कम होने के चांस बेहद कम है : सोली सोराबजी, पूर्व अटार्नी जनरल
12:45 PM:पनीरसेल्वम ने कहा कि विधायकों को वर्तमान हालत को देखते हुए सही निर्णय लेना चाहिए
12 :12PM : शशिकला अपने समर्थकों के साथ कर रही हैं बैठक, चुन सकती हैं नेता
#VKSasikala to appoint one of her loyalists as leader of the Legislative party of AIADMK,a meeting in resort is already underway: Sources
— ANI (@ANI) February 14, 2017
11:54AM :वी के शशिकला के भाई दिवाकरन और भतीजे टीटीभी दिनाकरन भी गोल्डेन बे रिसोर्ट के अंदर मौजूद
11:43 AM : चार स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसें रिजार्ट पहुंचीं, विधायकों को बाहर निकालने की तैयारी
11:42 AM :पुलिस ने बताया कि पहली प्राथमिकता विधायकों को सुरक्षित तरीके से रिजार्ट से बाहर निकालना है.
11:27AM : अन्नाद्रमुक के अधिकारिक ट्वीट से अाया शशिकला का बयान, कहा – इससे पहले जब जयललिता पर संकट आये थे मैं हमेशा उनके साथखड़ी रही . धर्म की जीत होगी.
11:21AM :ओ पन्नीरसेल्वम के घर समर्थकों की भारी भीड़
11:16AM :कोवाथु रिजार्ट में पुलिस जुटी, शशिकला अपने सर्मथक विधायकों के साथ यहीं रूकी है
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ हीओ पनीरसेल्वम का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है. पिछले कई दिनों से पनीरसेल्वम व शशिकला के खेमों में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही थीं. गौरतलब है कि शशिकला ने जयललिता के जाने के बाद पार्टी की कमान अपने हाथों में ले ली थी. पार्टी की एक मह्त्वपूर्ण बैठक में पनीरसेल्वम ने विधायक दल के नेता से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे बाद यह कयास लगाये जा रहा था कि शशिकला अगली मुख्यमंत्री होंगी. उन्होंने 100 से ज्यादा विधायकों को अपने पक्ष में रखने के लिए एक रिजार्ट में रखवाया था.