मुंबई : देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस में जारी संकट के बीच इसके चेयरमैन आर शेषासायी ने आज कहा कि उन्हें शेयरधारकों ने चुना है और उन्हें जो काम दिया गया है वह उसे करेंगे. इसके साथ ही शेषासायी ने कंपनी के सीईओ के वेतन में भारी वृद्धि तथा कुछ पूर्व कार्याधिकारियों को नौकरी छोड़ने पर बड़े भुगतान का बचाव किया और कह कि बोर्ड कंपनी संचालन के उच्च मानकों का पालन करेगा.
शेषासायी, कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी विशाल सिक्का तथा निदेशक मंडल के कई सदस्यों ने यहां संवाददाताओं के समक्ष अपनी बात रखी. शेषासायी ने कहा, ‘शेयरधारकों व बोर्ड ने मुझसे काम करने को कहा था. जब तक वे मुझे नहीं कहते मैं अपना काम करुंगा.’
उन्होंने कहा कि इन्फोसिस का प्रबंधन ‘बहुत पेशेवराना ढंग’ से काम कर रहा है. शेषसायी ने सीईओ विशाल सिक्का के ऊंचे वेतन पैकेज का बचाव किया, कहा यह वेतन पैकेज उच्च लक्ष्यों से जुडे हैं. सिक्का का वेतन 70.8 लाख डालर से बढ़ाकर 1.1 करोड़ डालर किया गया है.
उन्होंने कहा कि कंपनी के पूर्व सीएफओ राजीव बंसल तथा जनरल काउंसल डेविड कैनेडी को नौकरी छोडते समय ऊंचा पैकेज उनका मुंह बंद रखने के लिये दिया गया, इस तरह के आरोप काफी व्यथित करने वाले हैं. सिक्का ने कहा, ‘वह (बंसल) बहुत शानदार सहयोगी रहे. राजीव के साथ टीम भावना का कुछ मुद्दा था और उन्होंने आपसी सहमति से नौकरी छोड़ी.’
शेषासायी ने कहा कि साइरिल अमरचंद मंगलदास को मध्यस्थता के लिये नहीं बल्कि संचालन कार्ययोजना बनाने के लिये लाया गया, विवाद को लेकर संदेह गलत है.
वहीं इंफोसिस के नामी-गिरामी सह-संस्थापकों के साथ खींचतान में उलझे कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का ने आज कहा कि उनकी कंपनी को लेकर मीडिया में चल रहा ‘ड्रामा’ बहुत अधिक ध्यान भंग करने वाला है. इस बीच, हालांकि कंपनी के सबसे लंबे समय तक चेयरमैन रहे एन. आर. नारायणमूर्ति ने कंपनी संचालन के मानकों से जुड़ी चिंताओं पर बल दिया है और कहा है कि इसका ‘समुचित तरीके’ से समाधान किया जाना चाहिए.
नारायणमूर्ति, नंदन नीलेकणि और कृष गोपालन के कंपनी के संचालन से जुडे मुद्दों पर प्रश्न उठाने के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर कोई टिप्पणी करते हुए सिक्का ने कहा कि कंपनी का ताना-बाना बहुत मजबूत आधार पर बुना गया है.
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