आक्रोश. इंटरमीडिएट के प्रवेश पत्र में त्रुटियों का विरोध
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छात्राओं ने किया हंगामा
आक्रोश. इंटरमीडिएट के प्रवेश पत्र में त्रुटियों का विरोध प्राचार्य और कर्मियों के साथ परिजनों का विवाद शेखपुरा : जिले में 14 फरवरी से शुरू होने वाले इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए जारी प्रवेश पत्र में भारी त्रुटियों के खिलाफ रविवार को छात्राओं ने महिला कॉलेज में जमकर बवाल मचाया. इस दौरान छात्राओं और परिजनों ने […]
प्राचार्य और कर्मियों के साथ परिजनों का विवाद
शेखपुरा : जिले में 14 फरवरी से शुरू होने वाले इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए जारी प्रवेश पत्र में भारी त्रुटियों के खिलाफ रविवार को छात्राओं ने महिला कॉलेज में जमकर बवाल मचाया. इस दौरान छात्राओं और परिजनों ने प्राचार्य व कर्मियों के साथ भी नोकझोंक किया. मौके पर दर्जनों परिजन व छात्राओं ने प्राचार्य के चेंबर में घुसकर प्रवेश पत्र के लिए अपना आक्रोश प्रकट किया . छात्राओं ने बताया कि यहां फॉर्म भरने और रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान एक-एक सौ रुपये का अतिरिक्त राशि वसूल की गयी थी.
लेकिन कॉलेज प्रशासन ने जब परीक्षा की तिथि नजदीक आयी तब पंजीयन कार्ड तो उपलब्ध नहीं कराया और प्रवेश पत्र उपलब्ध कराया तो उस में त्रुटियों का अंबार पाया गया. मौके पर छात्राओं ने शहर के संजय गांधी स्मारक महिला विद्यालय में आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि महाविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही के कारण सैकड़ों की संख्या में छात्राओं के प्रवेश पत्र में त्रुटी के कारण परीक्षा से वंचित रहने को मजबूर है.जबकि दर्जनों छात्राओं को तो प्रवेश पत्र ही नहीं मिल सका है.
छात्राओं ने महाविद्यालय प्रबंधन के इस लापरवाही को लेकर प्राचार्य पार्वती कुमारी के चेंबर में घुसकर हंगामा मचाते हुए उन्हें एडमिट कार्ड नहीं देने तक बाहर नहीं निकलने से भी रोका. मौके पर छात्राओं एवं अभिभावकों ने कहा कि अगर प्रवेश पत्र में सुधार कर परीक्षा में बैठने की व्यवस्था नहीं बहाल की गई तब सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को मजबूर होंगे. इंटरमीडिएट परीक्षा को लेकर जिले में लगभग दस परीक्षार्थी शामिल होने को हैं.
इसके लिए जिले के अंदर 11 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. इंटरमीडिएट परीक्षा में कोई त्रुटि अथवा कदाचार की गुंजाइश ना रह जाए इसके लिए राज्य सरकार और विभाग के आला अधिकारियों ने अत्याधुनिक व्यवस्थाओं की सुविधा बहाल किया. परीक्षा फॉर्म भरने के लिए महाविद्यालय एवं प्लस टू उच्च विद्यालयों के प्राचार्यों को ऑनलाइन व्यवस्था के तहत आईडी- पासवर्ड भी मुहैया कराया. लेकिन सरकार के इस व्यवस्था को भी चुनौती देते हुए शिक्षा विभाग में कार्यरत कुछ लोगों ने चंद पैसों के खातिर ऐसा घिनौना खेल खेला की सैकड़ों की संख्या में परीक्षार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है.
इस खेल को लेकर संजय गांधी महिला महाविद्यालय के प्राचार्य पार्वती कुमारी ने अव्यवस्था के लिए पूरी तरह शिक्षा विभाग को ही जिम्मेवार ठहराया है. प्राचार्य ने कहा कि महिला कॉलेज कोई इकलौता कॉलेज ही नहीं नहीं है जहां इस तरह की गड़बड़ी हुई है. इस गड़वड़ी कि जड़ में शिक्षा विभाग है.फ़ार्म भरने के लिए जो आईडीऔर पासवर्ड महा विद्यालय प्रशासन को उपलब्ध कराना था. उसे कार्यालय में तैनात कुछ कर्मियों ने नहीं उपलब्ध कराया इतना ही नहीं अभ्यर्थियों का फॉर्म शिक्षा विभाग में मंगाकर खुद ही फॉर्म भरने की जिम्मेवारी ले ली.
आईडी -पासवर्ड के साथ हुए इस खेल को चंद पैसो के खातिर अंजाम दिया गया.
इस खेल में प्रति छात्र शिक्षा विभाग के कर्मियों ने महाविद्यालयों से तीस तीस रूपये की वसूली फॉर्म भरने के एवज में किया. लेकिन बड़ी बात यह भी है के जिले के कुछ ऐसे भी महा विद्यालय है जिन्होंने विभाग के दबाव के बावजूद आईडी पासवर्ड को हासिल कर पूरी जवाबदेही के साथ परीक्षार्थियों का फॉर्म भरवाया. सबसे बड़ी विडंबना यह है कि आज प्रवेश पत्र की त्रुटियों के लिए जो शिक्षा अधिकारी कॉलेज प्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.उनके ही नाको के नीचे चंद पैसों के खातिर सैकड़ों छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ होने का खेल चलता रहा.
क्या कहते हैं अधिकारी :
प्रवेश पत्र में त्रुटियों में सुधार की तत्काल व्यवस्था के लिए महाविद्यालयों को निर्देशित किया गया है. जहां तक आईडी पासवर्ड का सवाल है तो विभागीय निर्देश के मुताबिक सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य को ही उपलब्ध कराया जाना था. अगर इस में गड़बड़ी हुई है तो इस मामले की जांच करवायी जायेगी.
– मो. तकीउद्दीन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, शेखपुरा
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