सीवान : बहुचर्चित तिहरा हत्याकांड के आरोपित पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को जमशेदपुर के एडीजे चार के न्यायालय के कोर्ट में पेशी के आदेश के बाद भी शुक्रवार को उस पर अमल नहीं हो सका. पूर्व से यहां मंडल कारा में गठित विशेष अदालत में चल रही सुनवाई के चलते स्पेशल कोर्ट की अनुमति नहीं देने पर यह वैधानिक संकट आ गया. पूर्व सांसद व राजद नेता मो. शहाबुद्दीन पर संगीन मुकदमों की संख्या चार दर्जन से अधिक है. लेकिन, अब तक के मुकदमों में सबसे अधिक चर्चित जमशेदपुर का तिहरा हत्याकांड ही माना जाता है. इसके बाद से ही शहाबुद्दीन ने राजनीति में भी दस्तक दी थी. अपने पहले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे.
चुनाव में निर्दलीय पहले ही विधानसभा चुनाव में दस्तक देते हुए विजयी रहे. इसी क्रम में 24 साल पुराने मामले में सत्र वाद संख्या 95 ए/92 के तहत जमशेदपुर के एडीजे चार अजीत कुमार सिंह के कोर्ट ने अब पेशी के लिए नोटिस भेजा था. नोटिस के बाद मंडल कारा ने अनुमति के लिए मो. शहाबुद्दीन से संबंधित विचाराधीन कोर्ट में सूचना दी थी. मंडल कारा के अधीक्षक विधु भारद्वाज के मुताबिक, सीजेएम कोर्ट ने इसकी इजाजत दी थी. लेकिन, विशेष अदालत ने संज्ञान नहीं लिया. लिहाजा, उन्हें समय से जमशेदपुर स्थित एडीजे चार के कोर्ट में पेशी के लिए नहीं भेजा जा सका. इधर, विशेष अदालत में मो. शहाबुद्दीन से जुड़े मामलों की लगातार सुनवाई चल रही है.