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एक गांव ऐसा जहां पहली बार पहुंचा कोई विधायक

मेदिनीनगर : जाने के लिए सड़क नहीं. यदि गांव जाना है तो पहाड़ पर चढ़कर लगभग आठ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. तब जाकर लोग गांव पहुंचते है. गांव की आबादी के हिसाब से यदि देखा जाये तो राजनीतिक दृष्टिकोण से उतना महवत्पूर्ण इलाका नहीं. क्योंकि इस गांव में लगभग 35 से 40 घर है. […]

मेदिनीनगर : जाने के लिए सड़क नहीं. यदि गांव जाना है तो पहाड़ पर चढ़कर लगभग आठ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. तब जाकर लोग गांव पहुंचते है. गांव की आबादी के हिसाब से यदि देखा जाये तो राजनीतिक दृष्टिकोण से उतना महवत्पूर्ण इलाका नहीं. क्योंकि इस गांव में लगभग 35 से 40 घर है. आबादी लगभग दो सौ से 250 है. मतदान मुश्किल से 50 से 75 लोग ही करते होंगे. वह भी जो लोकतंत्र के प्रति जागरूक होंगे. क्योंकि वोट डालने के लिए भी लोगों को पांच सात किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. वोट के समय भी प्रत्याशी इस गांव में नहीं जाते. प्रशासनिक महकमे के लोग भी नहीं पहुंचते. इतने के बाद भी गांव के लोग जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यह दृश्य पलामू के पाटन प्रखंड की कसवाखाड़ पंचायत के चेतमा गांव की है.

चेतमा गांव विकास से जुड़े. गांव के लोगों के जीवन में बदलाव आये इसके लिए गुरुवार को पहल की गयी है. इसके तहत इलाके के विधायक सह सत्तारुढ़ दल के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर पैदल गांव तक पहुंचे. वैसे तो यह इलाका पाटन प्रखंड में आता है. लेकिन यहां जाने के लिए रास्ता नौडीहा प्रखंड की सरईडीह पंचायत के शाहपुर होते हुए है. शाहपुर से श्री किशोर पैदल जंगल पहाड़ों से होते हुए गांव पहुंचे. क्योंकि गांव पहाड़ की गोद में बसा है.

सुरक्षा के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील इलाका जंगलों से होते हुए गांव जाना है. पैदल चलकर गांव पहुंचने में करीब एक घंटा लगता है. इस दौरान संगीन माहौल, भय का आलम था. लेकिन गांव को विकास से जोड़ने की जो इच्छाशक्ति थी वह इन सबों पर भारी दिखा. गांव जाने के क्रम में ग्रामीणों से मुलाकात हुई.

ग्रामीणों ने बताया कि करीब 30 साल पहले गांव जाने के लिए सड़क थी. टूटी पुलिया इस बात की गवाही भी दे रही थी. पूर्व में जीप भी जाता था, लेकिन आज की तिथि में मोटरसाइकिल जाना भी संभव नहीं है. पैदल जाने की दूसरा कोई विकल्प भी नहीं. विधायक श्री किशोर की मानें तो वह 1980 में गांव आये थे. उसके बाद वह दुबारा 37 साल बाद आ रहे हैं.

लोग बता रहे थे कि उग्रवाद के कारण इस इलाके में विकास रुका. भय के कारण लोग आते नहीं थे. वैसे इलाके जो उपेक्षित हैं उन्हें विकास से जोड़ने के लिए पहल की जा रही है. इसके तहत विधायक श्री किशोर आज प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ गांव पहुंचे थे. गांव में ही विधायक-प्रशासन आपके द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें स्थानीय लोगों की समस्या सुनी गयी और उसे निराकरण का भरोसा दिलाया गया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता पाटन बीडीओ सोमनाथ बनर्जी ने की. मौके पर प्रशांत किशोर,हरेंद्र सिंह, राजकमल तिवारी, पवन सिंह, लव मेहता, बुधन यादव, बीपीओ दीपक कुमार, जेई प्रभरंजन कुमार, बिहारी राय छतरपुर प्रखंड के उपप्रमुख रंजीत जायसवाल सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम शामिल थी.

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