कुछ माह पूर्व किरीबुरू के रेंजर ने विशाल बाघ देखा था
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सारंडा में दिखा बाघ तीन दिनों में दो बार दिखा बाघ
कुछ माह पूर्व किरीबुरू के रेंजर ने विशाल बाघ देखा था किरीबुरू : सारंडा स्थित किरीबुरू, बोलानी थाना क्षेत्र के जंगलों में बीते तीन दिनों में ग्रामीणों ने दो बार बाघ देखा है. इसके बाद ग्रामीणों ने भय से जंगल की ओर जाना बंद कर दिया है. किरीबुरू से बोलानी जंगल के रास्ते और खादान […]
किरीबुरू : सारंडा स्थित किरीबुरू, बोलानी थाना क्षेत्र के जंगलों में बीते तीन दिनों में ग्रामीणों ने दो बार बाघ देखा है. इसके बाद ग्रामीणों ने भय से जंगल की ओर जाना बंद कर दिया है. किरीबुरू से बोलानी जंगल के रास्ते और खादान के रास्ते में पैदल व वाहन से मजदूरी करने जा रहे कुछ लोगों ने बाघ को अपनी आंखों से देखा है.
कुछ माह पूर्व किरीबुरू के तत्कालीन रेंजर ए के चौधरी ने ओम शांति स्थल मंदिर के समीप रात में विशालकाय बाघ को अपनी आंखों से देखा था. उन्होंने वन विभाग की टीम के साथ उक्त क्षेत्र की बारीकी से अध्ययन किया था. पैरों के निशान देखकर बाघ किधर से आया और किधर गया, इसकी जांच हुई थी. इसके पूर्व किरीबुरू से टाटा जाने वाले यात्रियों ने भी बाघ को वायरलेस ढ़लान के पास ओड़िशा की तरफ जाते हुए देखा था. जोजोगुटू गांव के जंगल में एक बाघ को ग्रामीणों ने देखा था.
चर्चा थी कि बाघ दो भैंस को मार कर खा गया था. सारंडा डीएफओ सतीशचंद्र राय ने बताया कि कुछ माह पूर्व क्षेत्र में हमारे अधिकारियों ने भी बाघ देखा था. इसके बाद मैं व अन्य अधिकारी बाघ के पैरों के निशान, पैखाना आदि संग्रह करने में लगे थे. हालांकि सफलता नहीं मिली. जबतक कोई प्रमाण या फोटो नहीं मिलता, तबतक वाइल्ड लाइफ से जुड़े अधिकारी विश्वास नहीं करेंगे. सारंडा में बाघ के होने के प्रमाण की तलाश की जा रही है. बाघ होने की बात सामने आयी है.
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