बालीडीह : सिजुआ पंचायत के सिजुआ धाम में मंगलवार को रूपेश सोरेन पिता जगदीश सोरेन तथा सिमडेगा निवासी विश्वासी बरला पिता विकसल बरला का विवाह धूमधाम से संपन्न हुआ. लेकिन दोनों को अपने बच्चे के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी होगी.
शादी के दौरान पंसस वंदना देवी, पूर्व मुखिया दुर्गा सोरेन, सदर अब्दुल मलिक आदि ने वर-वधू को
आशीर्वाद दिया. विवाह समारोह में मुख्य रूप से भिखनी देवी, हल्यानी बरला, समाजसेवी पवन ठाकुर, मुरलीचंद हेंब्रम, भाजपा पिंड्राजोरा मंडल महामंत्री पंचानन सिंह, धनेश्वर टुडू, काशीनाथ सिंह, राजन सिंह, सुरेश मांझी, फेकन सिंह, मनसा मांझी, युगल किशोर मांझी, मदन मुर्मू, राधानगर पंसस राजेश रजक सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे.
क्या है मामला
पंसस वंदना देवी ने बताया कि विश्वासी बरला तथा रूपेश सोरेन गोवा के पौंडा में एक साथ मजदूरी के दौरान प्रेम हो गया. दोनों लिव इन रिलेशन में रहने लगे. छह जनवरी को गोवा के ही आइडिया अस्पताल में उन्हें एक बेटा हुआ. 21 जनवरी को बोकारो स्टेशन आने पर दंपती में सिमडेगा तथा बोकारो के सिजुआ जाने पर विवाद हो गया. विवाद के बाद दोनों के शौच को जाने के बाद बच्चा गायब हो गया. पंसस वंदना देवी ने बताया कि बच्चा हमारे खेत में बरामद हुआ. उसे सीडब्ल्यूसी ने कब्जे में लेकर अनाथालय में रख दिया है. बच्चे के अविवाहित माता-पिता होने कारण डीसी द्वारा शादी करने को कहा गया. दोनों परिवारों के मेल से मंगलवार को विवाह संपन्न हो गया. सीब्डल्यूसी के प्रभारी डॉ प्रभात कुमार ने बाताया कि अज्ञात बच्चा मिलने पर सीडब्ल्यूसी की निगरानी में रखा जाता है. बच्चा के अभिभावक को अपनी दावेदारी पेश करनी होती है. एक सप्ताह में दावेदारी पेश नहीं होने पर सीडब्ल्यूसी बच्चे को लेकर स्वतंत्र होता है. अभी इस मामले में माता-पिता तथा बच्चे का मुंबई में डीएनए टेस्ट कराया जायेगा. पुष्टि के बाद सीडब्ल्यूसी बच्चे को माता-पिता को सौंप देगा. पूरी प्रक्रिया में करीब एक माह का वक्त लगेगा.