खुलासा. एनटीपीसी में नौकरी के नाम पर ठगी का मामला
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गया तक फैला जाल
खुलासा. एनटीपीसी में नौकरी के नाम पर ठगी का मामला गया निवासी अंकेश कुमार से नौकरी के नाम पर लिये गये एक लाख 20 हजार रुपये आरोपित के पास से मिले तीन कर्मचारियों के प्रमाणपत्र, नियुक्ति पत्र व मोबाइल फोन बाढ़/गया : एनटीपीसी में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में मंगलवार […]
गया निवासी अंकेश कुमार से नौकरी के नाम पर लिये गये एक लाख 20 हजार रुपये
आरोपित के पास से मिले तीन कर्मचारियों के प्रमाणपत्र, नियुक्ति पत्र व मोबाइल फोन
बाढ़/गया : एनटीपीसी में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में मंगलवार को बाढ़ से गिरफ्तार मिंटू कुमार ने गया के एक युवक को भी चूना लगाया था. खुसरूपुर थाना क्षेत्र के बैकटपुर गांव के रहनेवाले चंद्रशेखर प्रसाद के पुत्र मिंटू ने एनटीपीसी में नौकरी दिलाने का आश्वासन देकर गया के रहनेवाले युवक अंकेश कुमार से एक लाख 20 हजार रुपये लिये थे. पता चला है कि अंकेश कुमार को भी एनटीपीसी बाढ़ परियोजना में नौकरी दिलाने का भरोसा दिया था. उसके झांसे में आकर अंकेश ने एक लाख 20 हजार रुपये उसे दे दिये थे.
पुलिस के अनुसार मिंटू ने अंकेश के अलावा आरा के अंशु कुमार, आकाश कुमार, मनीष कुमार, नागेंद्र कुमार, पंकज तिवारी, प्रवीण कुमार व मुगलसराय निवासी अनूप मिश्र व सिद्धार्थ सिंह से भी नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूली है. सभी नौ लोगों से कुल छह लाख रुपये लिये गये थे, जिनमें सबसे अधिक रुपये गया निवासी से ही लिये गये थे.
जांच में पता चला है कि मिंटू वर्ष 2008 से ही एनटीपीसी में काम कर रही यूपीएल कंपनी में काम कर रहा था व कंपनी के अधिकारियों के साथ उसके संपर्क थे, जिस वजह से बेरोजगार युवक आसानी से उसके झांसे में आ जाते थे. पुलिस ने मिंटू के पास से तीन अन्य कर्मचारियों के पहचानपत्र, दो मोबाइल फोन व तीन नियुक्त पत्र बरामद किये गये. एनटीपीसी थाने की पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
स्थानांतरित कर्मचारी का मिला पहचान पत्र मिंटू के पास से पूर्व में पदस्थापित अधिकारी सरोज वारिक कर्मचारी संख्या 102940 का पहचान पत्र मिला है. इस अधिकारी का स्थानांतरण अक्टूबर 2015 में ही हो चुका है.
ऐसे हुआ खुलासा
बताया जा रहा है कि उसने तीन लोगों को नियुक्ति पत्र देकर एनटीपीसी के मानव संसाधन (एचआर) विभाग में नौकरी ज्वाइन करने के लिए भेजा था. इन युवकों में आरा निवासी अंशु कुमार भी था. अंशु कुमार ने नियुक्ति पत्र एचआर प्रबंधक को सौंपा. नियुक्ति पत्र में एचआर प्रबंधक नवीन अनमोल हरेंज के हस्ताक्षर थे, जिसे देख कर एकबारगी वह हैरान रह गये. उन्होंने तत्काल मामले की छानबीन की, तो नियुक्ति पत्र को फर्जी पाया. अन्य दो युवकों के नियुक्ति पत्र में भी उनके हस्ताक्षर थे. पूरे मामले को लेकर एनटीपीसी थाने को सूचना दी गयी जिसके बाद एनटीपीसी थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने मिंटू कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
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