बेंगलुरु : कर्नाटक हाईकोर्ट से शराब कारोबारी विजय माल्या को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने मंगवार को बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड पर बैंकों के बकाये की वसूली के लिए यूबी समूह की मूल कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज (होल्डिंग) लि. (यूबीएचएल) को परिसमाप्त करने का आदेश दिया. किंगफिशर एयरलाइंस यूबीएचएल द्वारा प्रवर्तित एयर लाइन है और वित्तीय संकट में फंसने के कारण अब इसका परिचालन बंद पड़ा है.
न्यायाधीश विनीत कोठारी ने बैंकों तथा विमान पट्टे पर देने वालों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए कहा कि यह अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि प्रतिवादी कंपनी यूबीएचएल अपना बकाया वित्तीय संस्थानों को उनका बकाया लौटाने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में जिस तरह विफल रही है. उसे देखते हुए यह परिसमाप्त करने लायक है. हाईकोर्ट की धाड़वाड़ पीठ के न्यायाधीश कोठारी ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये यह आदेश सुनाया.
कर्ज देन वालों में बीएनपी परिबा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं. इसके अलावा, विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियां, राल्स रायस जैसी इंजन बनाने वाली कंपनियां तथा आईएई ने 146 करोड़ रुपये की बकाये की वसूली के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. न्यायाधीश ने कहा कि प्रतिवादी कंपनियां की परिसंपत्ति यूबीएचएल के जिम्मे नहीं छोड़ी जा सकती है और कानून के तहत परिसमापन प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे परिसमापक को सौंपी जा सकती है.
किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले ऋणदाताओं ने यूबीएचएल के खिलाफ याचिका दायर कर किंगफिशर से बकाये की वसूली में मदद का आग्रह किया था. यूबीएचएल ने किंगफिशर को कर्ज देने के लिए कॉरपोरेट गारंटी दी थी. वास्तव में माल्या के शराब कारोबार के एक तरह से ध्वस्त होने में किंगफिशर कारण है. माल्या की यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग लिमिटेड में 52.34 फीसदी हिस्सेदारी है. न्यायाधीश कोठारी ने इसके साथ इस मामले में पक्ष बनने के लिए यूबीएचएल द्वारा दायर की गयी सभी अर्जियों का निस्तारण कर दिया.
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