नयी दिल्ली : पाक अधिकृत कश्मीर में पिछले 16 साल से इंडियन आर्मी द्वारा जमीन को किराया देने का मामला सामने आया है. इस अजीबोगरीब घोटाले को लेकर सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर दी है. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार वर्ष 2000 में उपसंभागीय रक्षा संपदा अधिकारी और नौशेरा के पटवारी ने निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर कथित रूप से साजिश रची है. बताया जा रहा है कि एक गलत डॉक्यूमेंट्स की मदद से सरकारी खजाने से जमीन का किराया देने के लिए रकम निकाली जाती थी. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक वह इस बात की जांच कर रहे हैं कि हकीकत में यह किराया किस व्यक्ति को अदा किया गया था.
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16 वर्षों से पीओके में एक जमीन का किराया दे रही थी इंडियन आर्मी, सीबीआई जांच शुरू
नयी दिल्ली : पाक अधिकृत कश्मीर में पिछले 16 साल से इंडियन आर्मी द्वारा जमीन को किराया देने का मामला सामने आया है. इस अजीबोगरीब घोटाले को लेकर सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर दी है. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार वर्ष 2000 में उपसंभागीय रक्षा संपदा अधिकारी और नौशेरा के पटवारी ने निजी व्यक्तियों के साथ […]
किराया इंडियन आर्मी ऑफिसर्स की ओर से दिया जा रहा है. जमीन के कागज जो रजिस्टरी में दर्ज हैं उनका खसरा नंबर- 3,000, 3,035, 3,041, 3,045 की 122 कनाल और 18 मारला जमीन को इंडियन आर्मी प्रयोग कर रही है. सरकारी खजाने से इन जमीनों के किराए की रकम भी निकाली जा रही है जबकि असल में ये जमीनें पीओके में हैं.शुरुआती जांच में सामने आया है कि वर्ष 2000 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी में डिफेंस एस्टेट विभाग के सब-डिवीजनल अफसर ने धोखाधड़ी की और गलत कागज बनवाए. नौशेरा के खंबा गांव के पटवारी दर्शन कुमार, एक अन्य व्यक्ति राजेश कुमार और उनके दूसरे सहयोगियों ने इसमें उनकी मदद की.
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