नयी दिल्ली : अन्नाद्रमुक नेता वी. के. शशिकला कल मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकती है. लेकिन उनके शपथ लेने से पहले ही उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गयी है. जिसमें उन्हें तमिलनाडू की मुख्यमंत्री बनने से रोकने का जिक्र है. अन्नाद्रमुक नेता शशिकला को कुरसी थमा कर खुश हैं वहीं द्रमुख भी इस फैसले से ज्यादा हैरान नहीं है. अब जनहित याचिका के दायर होने से एक नयी परेशानी खड़ी हो गयी है. हालांकि राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि इस याचिका में दम नहीं है और सुप्रीम कोर्ट इसे खारिज कर देगा.
द्रमुक ने आज कहा कि उसे इस बात की चिंता नहीं है कि कौन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होता है, बल्कि वह जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएगी एवं राज्य सरकार के कामकाज की निगरानी करेगी. द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा ने सत्तारुढ अन्नाद्रमुक के विधायक दल द्वारा वी के शशिकला को अपना नेता चुनने और ओ पन्नीरसेल्वम के स्थान पर उनके मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त करने के बारे में पूछे गए सवाल पर यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सराकर जनोन्मुखी नहीं है और उसकी जनविरोधी गतिविधियां सुविदित हैं. हम उसके विरुद्ध संघर्ष कर रहे हैं. अतएव हमें उसमें नहीं पडना है कि उस कुर्सी पर कौन है.’ उन्होंने कहा, ‘‘वहां सरकार ने अबतक अच्छा कामकाज नहीं किया है.