चेन्नई : जयललिता की भतीजी ने शशिकला के पार्टी महासचिव बनने का विरोध किया था. अब उन्होंने शशिकला के मुख्यमंत्री बनने का भी विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह तख्ता पलट की तरह है.
उन्होंने इसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया . जयललिता और शशिकला के बीच तल्ख होते रिश्ते का जिक्र उन्होंने पहले भी किया था . जयललिता के भाई जयकुमार की बेटी दीपा जयकुमार ने उस वक्त शशिकला पर हमला बोलते हुए कहा, उनके हाथ में पार्टी कमान दिए जाने से असंतोष और नाराजगी बढ़ेगी. उनके इस बयान को अनदेखा करते हुए पार्टी ने उन्हें न सिर्फ महासचिव बनाया बल्कि अब मुख्यमंत्री की कुरसी भी उन्हें सौंप रही है.
दीपा ने उसी वक्त संकेत दिये थे कि वह राजनीति में आना चाहतीं हैं और इसके लिए वो खुद को तैयार कर रही हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या वह खुद राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार हैं… उन्होंने कहा, ‘अगर मौके हैं, तो राजनीति में आना कोई गलत बात नहीं हैं. लोकतंत्र में सबसे अच्छा यह होता है कि आप फैसला जनता के हाथ में छोड़ दें. पार्टी को भी लोगों की आवाज सुननी चाहिए और सबको साथ लेकर भविष्य से जुड़ा कोई फैसला करना चाहिए.
दीपा ने उन दावों को भी खारिज किया है जिनमें कहा जा रहा था कि जयललिता ने खुद ही शशिकला या फिर उनके एक रिश्तेदार को अपना राजनैतिक वारिस चुना था. उनका कहना है कि मेरी बुआ ने उल्टा उनको राजनैतिक मैदान से दूर रखा. मैं तो अंदर की थी. मामले को लेकर काफी बहस हो रही थी. शशिकला की ओर से काफी गलतफहमियां थीं. आगे दीपा ने कहा कि शशिकला ने मेरी बुआ जयललिता के पीठ पीछे उन्हें बिना बताए कई कामों को अंजाम दिया जिससे बुआ हमेशा नाराज रहतीं थीं. दीपा ने शशिकला के खिलाफ न सिर्फ बाहर बल्कि पार्टी के अंदर भी अपनी आवाज बुलंद की लेकिन उनकी बातों को बाहर और भीतर किसी ने गंभीरता से नहीं लिया. राजनीतिक विशलेषकों की मानें तो दीपा अब खुद को राजनीति में लाने की तैयारी कर रही है.