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आधार कार्ड नहीं रहनेवाले स्टूडेंट्स को यूनिक कोड

पहल. सरकारी व निजी स्कूलों के आंकड़े होंगे कंप्यूटराइज्ड यूनिक कोड ही बच्चे के नामांकन का होगा आधार यू-डायस प्रपत्र के साथ साढ़े चार लाख बच्चों के फॉर्म किये गये हैं संग्रह नवादा नगर : यू-डायस प्रपत्र के साथ ही इस बार सभी नामांकित विद्यार्थियों का प्रपत्र संग्रह किया गया है. केंद्र सरकार की पहल […]

पहल. सरकारी व निजी स्कूलों के आंकड़े होंगे कंप्यूटराइज्ड

यूनिक कोड ही बच्चे के नामांकन का होगा आधार
यू-डायस प्रपत्र के साथ साढ़े चार लाख बच्चों के फॉर्म किये गये हैं संग्रह
नवादा नगर : यू-डायस प्रपत्र के साथ ही इस बार सभी नामांकित विद्यार्थियों का प्रपत्र संग्रह किया गया है. केंद्र सरकार की पहल पर बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा यह आंकड़ा सरकारी व प्राइवेट स्कूलों से जमा किया गया है. जमा किये गये छात्रों के फॉर्म के आंकड़ों को कंप्यूटर में अपलोड करने का काम होना है. जिले के लगभग साढ़े चार लाख बच्चों का आंकड़ा शिक्षा विभाग में जमा किया गया है. सूची में जिन छात्रों का आधार कार्ड नंबर नहीं है, उन्हें विभाग द्वारा 18 नबर का यूनिक कोड उपलब्ध कराया जायेगा. यह उस बच्चे के लिए उसके नामांकन का आधार होगा.
आयेगी पारदर्शिता शिक्षा विभाग वैसे बच्चों को पकड़ पाने में असफल रही है, जो सरकारी स्कूलों में एडमिशन लेकर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करते हैं. सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए एक बच्चा दो से तीन स्कूलों में एडमिशन लेकर लाभ लेने का काम करते हैं. पारदर्शिता लाने के लिए शिक्षा विभाग की यह पहल एक नयी क्रांति का सूत्रपात करेगा. अब प्राइवेट व सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को यूनिक कोड दिया जा रहा है. इसी कोड के माध्यम से अब नामांकित बच्चे का किसी दूसरे स्कूल में एडमिशन होगा. उस बच्चे की पहचान उसी कोड के माध्यम से होगा. यूनिक कोड की शुरुआत हो जाने से काफी हद तक गड़बड़ी करनेवालों पर रोक लगाया जा सकेगा.
साढ़े चार लाख बच्चों का बनेगा यूनिक कोड जिले में अब तक जमा हुए साढ़े चार लाख बच्चों का यूनिक कोड बनाया जाना है. छात्रों की सूची विभिन्न स्कूलों से इकट्ठा की गयी है. पहली से 12वीं तक में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का आंकड़ा संस्थानों द्वारा जमा कराया गया है. सरकारी प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के 1693 स्कूलों में से 1588 स्कूलों से, 218 डायस प्रपत्र भरने वाले प्राइवेट स्कूलों में से 191 स्कूलों से तथा एक सौ 11 उच्च विद्यालयों में से एक सौ स्कूलों द्वारा दिये गये छात्रों की सूची के आधार पर यह संख्या बतायी जा रही है.
कंप्यूटराइजेशन के लिए दिया गया टेंडर सभी छात्रों का आंकड़ा कंप्यूटर में लोड किया जायेगा. इसी क्रम में यूनिक कोड दिया जाना है. पटना की एजेंसी को शिक्षा विभाग द्वारा कंप्यूटर में आंकड़ों का संग्रह करके रिकार्ड तैयार करने का जिम्मा दिया गया है. प्रखंड के अनुसार बंडल तैयार करके इसे भेजा जा रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
छात्रों के आंकड़ों का संग्रह प्रपत्र 2016-17 को भरा गया है, जिन संस्थानों ने इसे जमा नहीं किया है उनका यू-डायस कोड ही रद्द किया जायेगा. यूनिक कोड सभी विद्यार्थियों को जारी किया जायेगा. आधार कार्ड नहीं बनने से नंबर जेनरेट नहीं होने की समस्या का समाधान इसके माध्यम से किया जायेगा. स्कूलों में अब उस बच्चे की पहचान 18 डिजिट का यूनिक कोड होगा. किसी दूसरे स्कूल या संस्थान में एडमिशन के लिए यह यूनिक कोड अनिवार्य किया जायेगा.
प्रमोद कुमार, संभाग प्रभारी, एमआइएस संभाग

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