अनियमितता. 2010-11 से निगम कोष में पड़े हैं एक करोड़ की राशि
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पांच इंच पर बना दी 10 इंच की दीवार
अनियमितता. 2010-11 से निगम कोष में पड़े हैं एक करोड़ की राशि मुजफ्फरपुर : अपने काम को लेकर चर्चा में रहनेवाला नगर निगम एक और ऐसा ही काम कर दिखाया है. नगर निगम के खजाने में एक करोड़ रहने के बाद पांच इंच की दीवार के ऊपर लिंटर कर दस इंच की दीवार बना दिया. […]
मुजफ्फरपुर : अपने काम को लेकर चर्चा में रहनेवाला नगर निगम एक और ऐसा ही काम कर दिखाया है. नगर निगम के खजाने में एक करोड़ रहने के बाद पांच इंच की दीवार के ऊपर लिंटर कर दस इंच की दीवार बना दिया. इसके बाद एस्बेस्टस भी डाल दिया. इसमें फिलहाल आठ विभागों के कार्यालय हैं. यहां बाबुओं की ड्यूटी भी लगी है. यहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है.
लोगों का कहना है कि ठंड तो किसी तरह बीत गयी, लेकिन आने वाली प्रचंड गरमी में क्या है, यह बड़ा सवाल है. इसे चमकाने में निगम के तकनीकी विशेषज्ञों ने 15 लाख रुपये खर्च किये हैं. यह काम वर्ष 2016-17 में हुआ था.
मरम्मत कर चल रहे कार्यालय : निगम के कई कार्यालय मरम्मत की बदौलत चल रहे हैं. यहां नये भवन निर्माण के लिए नगर विकास व आवास विभाग ने वर्ष 2010-11 में एक करोड़ दिया. यह पैसा निगम निगम कोष में पड़ा है. लेकिन, कर्मियों के लिए नये भवन का निर्माण नहीं हुआ. विभाग के अधिकारियों ने नये भवन निर्माण को लेकर कई बार पत्र भी भेजा. लेकिन, यहां से टेंडर में किसी एजेंसी के नहीं आने की बात बतायी गयी.
एक वास्तुविद ने बताया कि पांच इंच के दीवार पर दस इंच का दीवार जोड़ना उचित प्रतीत नहीं होता है. दस इंच पर पांच इंच का दीवार हो सकता है. वस्तुस्थिति देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
बताया जाता है कि तीन बार इस भवन के निर्माण के लिए टेंडर हुआ. किसी निर्माण एजेंसी ने रुचि नहीं दिखायी. इसके बाद 15 लाख रुपये खर्च कर पुराने कमरे की ही निगम ने मरम्मत करा दी. हालांकि, संवेदक टेंडर में रुचि क्यों नहीं दिखा रहे हैं? क्योंकि जहां और सभी विभागों में काम के लिए कई एजेंसियों के बीच मारामारी मची रहती है, तो फिर यहां ऐसा क्यों?
यह तकनीकी बात है, इंजीनियर ने इसे कैसे निर्माण कराया है? इसे देखना होगा. लेकिन ऐसा देखने व सुनने में नहीं आता है. आश्चर्यजनक है. पांच इंच के दीवार पर दस इंच का दीवार जोड़ना जांच का विषय है. इसकी जानकारी लेंगे.
वर्षा सिंह, मेयर, नगर निगम
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