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शहर में रोज लगता है जाम बायपास नहीं रहने से परेशानी

प्रतिदिन जाम लगने से व्यवसायियों को काफी नुकसान होता है. बांका : शहर में प्रतिदिन लगने वाले जाम से शहर वासी परेशान हैं और ये लोग विरोध प्रदर्शन करने के मूड में हैं. शहर में जाम आम हो जाने से शहर के लोगों के द्वारा बाइपास की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की बात सामने […]

प्रतिदिन जाम लगने से व्यवसायियों को काफी नुकसान होता है.

बांका : शहर में प्रतिदिन लगने वाले जाम से शहर वासी परेशान हैं और ये लोग विरोध प्रदर्शन करने के मूड में हैं. शहर में जाम आम हो जाने से शहर के लोगों के द्वारा बाइपास की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की बात सामने आ रही है. प्रतिदिन जाम की समस्या होने से व्यवसायियों को काफी नुकसान हो रहा है. खासकर पर्व त्योहार के अवसर पर जाम लगना तय हो जाता है. जाम से उन्हें सिर्फ नुकसान ही नुकसान है. जब तक शहर में बाइपास का निर्माण नहीं होगा तब तक शहरवासी सहित राहगीरों को जाम की समस्या से जुझते रहेंगे.
कहते है व्यवसायी : शहर के व्यवसायी राजा राम डोकानिया, अज्जु भुवानिया, रविंद्र भुवानिया, राजीव रंजन कुमार, मनीष कुमार, रंजीत डोकानिया, बिक्की चौधरी, मयंक कुमार मिंकु, सुजीत कुमार, संजीव कुमार ने कहा कि जब तक बांका नगर पंचायत क्षेत्र में बाइपास का निर्माण नहीं होगा जाम से यूंही शहर के लोग परेशान होंगे. जाम से निजात का एक मात्र वैकल्पिक रास्ता बाइपास है. जो कि नजदीक भविष्य में इसके निर्माण की रूप रेखा नहीं दिख रही है. जिस दिन शहर में जाम लगता है उस दिन व्यवसायी का कमाई खत्म हो जाता है.
जाम को देखकर ही लोग आगे बढ़ जाते है. यह सोचते है कि कहां जाम में जाकर खरीदारी करेंगे. वहीं शहर के किसी भी क्षेत्र में पार्किंग की व्यवस्था नहीं रहने की वजह से भी जाम लगना एक कारण है. शहर में अवस्थित बहुत सारे सरकारी जगहों पर स्थानीय लोग अतिक्रमण कर रखे है लेकिन उक्त अतिक्रमित स्थल को ना तो नगर पंचायत और ना ही अंचलाधिकारी खाली करा रहे है. जिससे उक्त स्थल का उपयोग पार्किंग या अन्य कार्यों के लिए किया जा सकें. ज्ञात हो कि करीब तीन माह पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी ने एक बैठक आयोजित कर
अंचलाधिकारी एवं नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी को सरकारी अतिक्रमित जगहों को खाली कराने का निर्देश दिया था. जो शहर के शिवाजी चौक स्थित अहमद नगर के आगे के अतिक्रमित जमीन को खाली करा कर वहां पार्किंग स्थल बनाने की बात कहीं गयी थी. बांका गेस्ट हाउस के समीप स्थित सरकारी जमीन को स्थानीय लोगों से अतिक्रमण मुक्त करा कर वहां पर जेल गेट से लेकर जमुआ जोर पुल तक सड़क के दोनों ओर किसानों के द्वारा बेचे जा रहे सब्जी के लिए जगह बनाया गया था लेकिन अधिकारी के आदेश धरे के धरे रह गये और आज भी किसान सड़क पर बैठ कर अपनी सब्जी को बेच रहे है. जिससे जाम की स्थित उत्पन्न होती है.
बाइपास पर अधिकारी उदासीन :
बांका नगर पंचायत को जल्द ही नगर परिषद का दर्जा मिलने वाला है. वहीं दूसरी ओर जाम से शहर के लोग जुझने को मजबूर है. इस दिशा में कुछ माह पूर्व स्थानीय विधायक राम नारायण मंडल के द्वारा पहल किया गया था विभाग के इंजीनियर के साथ शहर के चांदन नदी के बांध पर बाईपास के निर्माण की बात कहीं गयी थी. बाइपास के निर्माण होने से भागलपुर की ओर से आने वाली वाहन जिसको देवघर जाना रहता वह बांध के पूर्वी छोर से होकर विजयनगर चौक के पास जबकि जिसको अमरपुर जाना होता वह बांध के पश्चिमी छोर की ओर ब्लॉक गेट के पास निकलते.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस दिशा में अब तक कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत यह मामला आता है. विशेष तौर पर उस विभाग से ही जानकारी मिल सकती है.
बी के तरुण, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत, बांका

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