लखनऊ :जिस जसवंतनगर सीट से इस बार शिवपाल यादव चुनाव लड़ रहे हैं, वह कभी मुलायम सिंह यादव की सीट थी. यह सीट मुलायम सिंह के लिए काफी अहम है. 50 साल पहले वह इसी सीट से विधायक चुने गये थे और उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. इस लिहाज से देखें, तोमुलायम सिंह यादव एक बार फिर बेटे अखिलेश यादव की जगह भाई शिवपाल यादव को तरजीह देते हुए नजर आ रहे हैं. वह सोमवार को इटावा की इसी जसवंतनगर सीट से चुनाव प्रचार अभियान का आगाज करेंगे. भाई शिवपाल यादव को जीत का आशीर्वाद देने के बाद ही मुलायम बेटे अखिलेश के लिए चुनाव प्रचार को निकलेंगे.
आपको बता दें कि 28 साल की उम्र में मुलायम सिंह यादव 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार जसवंत नगर क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. इसलिए यह सीट मुलायम के लिए काफी मायने रखती है.
नहर रेट आंदोलन
वर्ष 1954 में 15 साल की उम्र में ही मुलायम के राजनीतिक तेवर उस वक़्त देखने को मिले, जब उन्होंने डॉ. राम मनोहर लोहिया के आह्वान पर ‘नहर रेट आंदोलन’ में हिस्सा लिया और पहली बार सलाखों के पीछे गए. डॉ. लोहिया ने फर्रुखाबाद में बढ़े हुए नहर रेट के विरुद्ध आंदोलन किया था और जनता से आग्रह किया था कि वे बढ़े हुए टैक्स न चुकायें. इस आंदोलन में हजारों सत्याग्रहियों के साथ मुलायम सिंह यादव को भी गिरफ्तार किया गया.
1967 से चमकने लगी उनकी राजनीति
मुलायम सिंह यादव 28 साल की उम्र में 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार जसवंत नगर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए. इसके बाद तो वे 1974, 77, 1985, 89, 1991, 93, 96 और 2004 और 2007 में विधायक बने. मुलायम सिंह जसवंत नगर और फिर इटावा की सहकारी बैंक के निदेशक के पद पर भी रह चुके हैं. मुलायम सोशलिस्ट पार्टी और फिर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से विधायक का चुनाव लड़े और एक बार जीते भी. मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गए और मंत्री का पद भी उन्हें मिला.
तीन बार रहे मुख्यमंत्री
मुलायम सिंह यादव तीन बार 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1995 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री रहे. इसके अलावा वे भारत सरकार में रक्षा मंत्री भी रहे.
1992 को बनाई समाजवादी पार्टी
सात अक्टूबर 1992 को लखनऊ में समाजवादी पार्टी की स्थापना मुलायम सिंह यादव ने की. भारत के राजनैतिक इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण अध्याय था, क्योंकि लगभग डेढ़-दो दशकों से हाशिए पर जा चुके समाजवादी आंदोलन को मुलायम ने पुनर्जीवित करने का काम किया था. इसके अगले वर्ष ही यानि 1993 में हुए विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी का गठबंधन बीएसपी से हुआ. हालांकि, यह मोर्चा कुछ खास नहीं कर सका और भारतीय जनता पार्टी भी सरकार बनाने से चूक गई. मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस और जनता दल दोनों को मिलाया और फिर मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हो गए.
एक नजर जसवंतनगर सीट पर
जसवंतनगर उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की एक नगर पालिका है. 2001 के आंकड़ों के हिसाब से जसवंतनगर की कुल आबादी 25,346 है जिसमें 53 फीसदी पुरुष हैं, जबकि 47 फीसदी महिलाएं हैं. साल 2012 विधानसभा चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो यहां से सपा उम्मीदवार शिवपाल सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी. उन्हें इस चुनाव में 1,33,563 मत मिले थे. यहां से दूसरे नंबर पर मनीष यादव पतरे रहे जो बसपा से अपनी किस्मत आजमा रहे थे. उन्हें कुल 52,479 मत मिले थे.