नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 2017-18 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.2 प्रतिशत और उससे अगले साल 3 प्रतिशत तक सीमित करने का लक्ष्य ‘व्यवहारिक’ है और उच्च कर राजस्व और विनिवेश राशि के जरिये इसे हासिल किया सकता है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के चलते अघोषित आय पर होने वाली उच्च कर प्राप्तियों के पूरे लाभ को 2017-18 के बजट में शामिल नहीं किया गया है.
बजट के बाद उद्योग मंडलों की बैठक में उन्होंने कहा, ‘जहां तक नोटबंदी का सवाल है, इससे जो भी राजस्व और अन्य लाभ हैं, उसे पूरी तरह बजट में शामिल नहीं किया है. इसके उलट पिछले दो साल में कर राजस्व में 17 प्रतिशत वृद्धि के बावजूद हमने इस साल इसमें 12 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा है. हम इस लक्ष्य से उपर निकल सकते हैं.’
जेटली ने कहा, ‘इस साल हमारा संग्रह हमारे अनुमान से अधिक है और उम्मीद है कि हम अगले साल भी इस गति को बनाये रखेंगे.’ उन्होंने कहा कि कर राजस्व में वृद्धि से उत्साहित सरकार ने 2017-18 के लिये 3.2 प्रतिशत का वास्तविक लक्ष्य रखा गया है जबकि चालू वर्ष में यह 3.5 प्रतिशत था. वहीं 2018-19 में उसे 3 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है.
जेटली ने कहा, ‘हमने निवेश का काफी ऊंचा लक्ष्य रखा है. अंतत: साधारण बीमा कंपनियों समेत अधिक-से-अधिक सार्वजनिक उपक्रम सूचीबद्ध होंगे और सूचीबद्धता जरुरतों के तहत हमें उनकी हिस्सेदारी का भी विनिवेश करने की आवश्यकता होगी.’ उन्होंने कहा कि कंपनियों की सूचीबद्धता से सरकार को राजस्व प्राप्त होंगे.
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