पटना : मुफ्त शिक्षा अधिकार कानून आरटीई के मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले सैकड़ों प्राइवेट स्कूल बंद होंगे. ज्ञात हो कि पहले विभाग ने ऐसे निजी विद्यालयों को नोटिस जारी किया था जिनके पास न तो अपनी बिल्डिंग है और न ही प्ले ग्राउंड. न शिक्षक है और न ही किसी तरह के एक्टिविटी क्लास ही होते हैं. कोई स्कूल दुकान के ऊपर चल रहा है, तो कोई किराये के मकान में. पटना जिले में 1190 ऐसे प्राइवेट स्कूल हैं, जो शिक्षा के अधिकार के तहत मानक को पूरा नहीं कर रहे थे. 8वीं तक के इन स्कूलों की सूची जिला शिक्षा कार्यालय ने विभाग को भेज दिया था. अब विभाग के इस प्रस्ताव पर प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. निदेशक ने आगामी 10 फरवरी तक इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
विभाग करेगा कार्रवाई
विभाग की ओर से जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक सबसे पहले विभाग बंद होने वाले स्कूल के बच्चों का नामांकन पड़ोस के विद्यालय में करायेगा. विभाग स्कूल को बंद करने से पहले उनके पक्ष को पूरी तरह सुनेगा और जांचेगा. बताया जा रहा है कि स्कूलों पर दंड भी लगाया जायेगा. यह सभी स्कूल आरटीई के नियमों का पालन नहीं करते. वैसे पटना के 1190 स्कूलों को बंद करने की दिशा में विभाग कदम उठा रहा है. गौरतलब हो कि देश में 2010 देशभर में आरटीई कानून को लागू किया गया. यह कानून पूरे देश में लागू है. कानून के तहत स्कूलों को राज्य सरकार से स्वीकृति लेना अनिवार्य है और उसके लिये स्कूलों के कुछ मानक तय किये गये हैं. जिसमें स्कूलों की मूलभूत सुविधाओं सहित पढ़ाई और बच्चे के देख-रेख से संबंधित मसले भी शामिल हैं. कई स्कूल इस कानून का पालन नहीं करते.
मानक पर खरे नहीं हैं स्कूल
बिहार की राजधानी पटना के डेढ़ हजार से ज्यादा निजी विद्यालयों ने राज्य सरकार को आवेदन दिया था. उसमें से तीन सौ आठ स्कूलों को राज्य सरकार ने जांच के बाद स्वीकृति प्रदान कर दी. जबकि ज्यादातर स्कूल उन मानकों पर खरे नहीं उतरे. उसके बाद विभाग ने यह कदम उठाया.