नयी दिल्ली : भारतीय तिरंगे की छवि दर्शाने वाले पायदान और चप्पलों की आनलाइन बिक्री किए जाने का मुद्दा गुरुवार को राज्यसभा में उठा और विभिन्न सदस्यों द्वारा इस बारे में चिंता जताए जाने के बीच सरकार ने कहा कि ऐसे उत्पादों की पेशकश करने वाली कंपनी अमेजॉन इंडिया ने सूचित किया है कि वह भारतीय कानूनों और प्रथाओं का पूरा सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
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अमेजॉन में तिरंगा वाले पायदानों की बिक्री का मामला राज्यसभा में गूंजा
नयी दिल्ली : भारतीय तिरंगे की छवि दर्शाने वाले पायदान और चप्पलों की आनलाइन बिक्री किए जाने का मुद्दा गुरुवार को राज्यसभा में उठा और विभिन्न सदस्यों द्वारा इस बारे में चिंता जताए जाने के बीच सरकार ने कहा कि ऐसे उत्पादों की पेशकश करने वाली कंपनी अमेजॉन इंडिया ने सूचित किया है कि वह […]
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भारतीय तिरंगा की छवि दर्शाने वाले पायदान जैसी कुछ वस्तुएं कनाडा और अमेरिका में अमेजॉन के जरिए आनलाइन बिक्री के लिए सूचीबद्ध हुयी थीं. विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में बताया कि 11 जनवरी 2017 को जब ऐसे उत्पादों के सूचीकरण के बारे में केंद्र सरकार को अवगत कराया गया तब विदेश मंत्रालय ने भारत स्थित अमेजॉन के कार्यालय के साथ तत्काल इस मामले को उठाया.
अकबर ने कहा कि वाशिंगटन स्थित हमारे राजदूतावास तथा ओटावा स्थित हमारे उच्चायोग ने अपने अपने क्षेत्रों में अमेजॉन के वरिष्ठतम अधिकारियों के समक्ष इस मामले को मजबूती से उठाया. 24 घंटों के अंदर इन सूचीबद्ध उत्पादों को अमेजॉन द्वारा हटा लिया गया. उन्होंने कहा कि कंपनी ने विदेश मंत्रालय को दिए अपने प्रतिवेदन में उक्त उत्पादों को सूचीबद्ध किए जाने पर खेद प्रकट किया. इसके साथ ही ऐसा कोई अन्य उत्पाद सूचीबद्ध नहीं हो, इसके लिए अमेजॉन ने वैश्विक लेखापरीक्षा करायी. कंपनी ने इस संबंध में अपने साफ्टवेयर में अतिरिक्त मानदंडों को जोडा है.
अकबर ने कहा कि ऐसी कोई भी अंतरराष्ट्रीय संधि नहीं है जो अन्य देशों में इन उत्पादों की बिक्री को कानूनी तौर पर प्रतिबंधित करता हो। लेकिन भारत में दो कानून हैं जिसके तहत भारत में अपनी वाणिज्यिक गतिविधियां चलाने वाले ई..कामर्स पोर्टलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अमेजॉन इंडिया के प्रमुख को निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय प्रतीक और नाम :अनुचित प्रयोग निवारण: कानून 1950 का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए.
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