वाशिंगटन/कैनबरा : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल के बीच शरणार्थी समझौते को लेकर टेलीफोन पर बातचीत के दौरान नोक झोंक की खबर है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल के बीच फोन पर हुई पहली बातचीत एक कूटनीतिक त्रासदी साबित हुई क्योंकि ट्रंप ने 1,250 शरणार्थियों को स्वीकार करने के लिए कैनबरा के साथ ओबामा प्रशासन के दौरान हुए समझौते को ‘मूक करार’ बता दिया.
अमेरिकी दैनिक ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक ट्रंप ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय शरणार्थी समझौते को लेकर टर्नबुल की आलोचना की और इसके बाद अचानक फोन काट दिया। यही नहीं, उन्होंने टर्नबुल के साथ बातचीत को अपनी अब तक की ‘सबसे खराब’ बातचीत करार दिया. रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप और टर्नबुल के बीच बीते शनिवार को फोन पर बातचीत हुई। इस बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति उस समझौते पर आपत्ति जताई जिसके तहत अमेरिका को शरणार्थी अपने यहां स्वीकार करने हैं. ओबामा प्रशासन में दोनों देशों के बीच यह समझौता हुआ था। इसके तहत प्रशांत क्षेत्र के देशों नाउरु और पापुआ न्यू गिनी के तट के निकट के हिरासत केंद्रों में रहने वाले 1,250 शरणार्थियों को स्वीकारना है.
सीएनन के अनुसार ट्रंप इतने नाराज हुए कि उन्होंने अचानक से फोन काट दिया. बाद में उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘क्या यह विश्वास करेंगे? ओबामा प्रशासन ने आस्ट्रेलिया से हजारों अवैध प्रवासियों को स्वीकार करने पर सहमति जताई थी. क्यों? मैं इस मूक करार का अध्ययन करुंगा.’ आस्ट्रेलिया, अमेरिका का करीबी सहयोगी माना जाता है. अमेरिका जिन पांच देशों के साथ नियमित रुप से संवेदनशील खुफिया जानकारी साझा करता है उनमें से एक ऑस्ट्रेलिया भी है. इसके चलते दोनों नेताओं के बीच सुचारु बातचीत होने की संभावना जतायी जा रही थी. अखबार ने ट्रंप के हवाले से कहा कि उन्होंने उस दिन विश्व के चार नेताओं से हुई बातचीत में ‘इसे अब तक की सब से खराब बातचीत’ बताया.
आस्ट्रेलियाई सरकार के सूत्रों ने ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन को बताया कि अमेरिकी अखबार की यह रिपोर्ट ‘उल्लेखनीय हद तक सही’ है. टर्नबुल ने कहा कि वह निराश है कि ‘बेहद स्पष्टवादिता वाली’ बातचीत की जानकारी लीक की गयी. उन्होंने सिडनी रेडियो स्टेशन 2जीबी से कहा, ‘‘फोन कॉल के संबंध में मैं बहुत निराश हूं कि वाशिंगटन में इस बातचीत की जानकारी लीक की गयी.’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं यह बता दूं कि यह रिपोर्ट सही नहीं है कि राष्ट्रपति ने फोन रख दिया था. बातचीत शिष्टतापूर्वक पूरी हुई थी.’ उन्होंने कहा, ‘‘अन्य नेताओं के साथ बातचीत करने को लेकर हमारे बहुत, बहुत कडे मानक है और हम सहमति के बिना किसी भी बातचीत की जानकारियों का खुलासा नहीं करते.’ दोनों देशों की सरकारों ने इस बातचीत की जो आधिकारिक जानकारी दी है वह अखबार की रिपोर्ट से बिल्कुल अलग है.
ट्रंप ने कम से कम 120 दिन तक शरणार्थियों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने वाले शासकीय आदेश पर गत सप्ताह हस्ताक्षर किये थे, जिसके बाद आस्ट्रेलिया में इस बात को लेकर डर था कि अमेरिकी राष्ट्रपति इस शरणार्थी समझौते को रद्द कर सकते हैं.