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केंद्रीय बजट आज : हर वर्ग की जुड़ी उम्मीद, उनकी मांगें पूरी करे सरकार

आम बजट को लेकर घर से लेकर कार्यालय तक चर्चा का दौर जारी है. हर वर्ग अपने-अपने हितों के पक्ष में अपनी-अपनी बात रख रहा है. लोगों का मानना है कि इस बार का बजट ऐतिहासिक होगा. नोटबंदी का असर केवल आम लोगों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि कारोबार जगत पर भी इसका असर […]

आम बजट को लेकर घर से लेकर कार्यालय तक चर्चा का दौर जारी है. हर वर्ग अपने-अपने हितों के पक्ष में अपनी-अपनी बात रख रहा है. लोगों का मानना है कि इस बार का बजट ऐतिहासिक होगा. नोटबंदी का असर केवल आम लोगों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि कारोबार जगत पर भी इसका असर पड़ा है. इससे अब तक लोग उबर नहीं पाये हैं. एेसी स्थिति में मोदी सरकार से हर लोग उम्मीद लगाये हैं. लोगों को ऐसा लग रहा है कि इस उनकी मांगें जरूरी पूरी होंगी.
केमिस्ट. चेक बाउंसिंग के नियम को सशक्त बनाया जाये
काला धन को रोकने और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध केंद्र सरकार यदि आम बजट में कुछ बुनियादी बिंदुओं पर ध्यान दे तो ऐन-केन प्रकारेन से काला धन उपार्जन करने में कमी आयेगी. शिक्षा, स्वास्थ्य व सबों के लिए एक आवास की उपलब्धता के क्षेत्र में खर्च होनेवाली एक निश्चित राशि की सीमा को निर्धारित करते हुए टैक्स दर में विशेष सहूलियत प्रदान की जाये. व्यापारियों के लिए चेक बाउंसिंग के नियम को सक्त बनाया जाये और उसके द्वारा भुगतान के लिए एक समय सीमा भी निर्धारित की जाये,
पेट्रोलियम. डीजल की कीमत कम हो, ताकि किसानों को मिले राहत
इस बार के बजट को लेकर आम लोगों में काफी अपेक्षाएं हैं मोदी सरकार से. डीजल, पेट्राेल व रसोइ गैस की कीमतों की समीक्षा सरकार को करनी चाहिए, तभी बाजार में सुधार होगा. विशेषकर डीजल की कीमतों को लेकर, क्योंकि इससे किसानों को राहत मिलेगी. बजट में आम जनता को आयकर में छूट देने की आवश्यकता है, क्याेंकि महंगाई शिखर पर पहुंच चुकी है. वरीय नागरिकों को उच्च स्तर की राहत देना सरकार का प्रथम व आवश्यक कदम होना चाहिए.
सर्राफा. सोना पर कस्टम ड्यूटी को घटाना चाहिए
पिछले वर्ष सर्राफा व्यवसाय को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. इस नये बजट में सरकार से इस क्षेत्र को विशेष बढ़ावा देने की अपेक्षा रखते हैं. सोना पर कस्टम ड्यूटी को घटना चाहिए, ताकि सोने की तस्करी पर लगाम लग सके और इससे राजस्व की हानि को बचाया जा सके. साथ ही साथ कालाबाजारी और काले धन पर नकेल लग सके. जीएसटी में सेवाकर में निम्न आयवाले लोगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इससे लोगों को राहत मिलेगी और आवश्यक वस्तुएं महंगी नहीं होंगी.
मनोरंजन. कर कम हो, ताकि केबल आॅपरेटरों का कारोबार कायम रहे
सर्विस टैक्स के संभावित बढ़ोतरी को लेकर केबल व्यवसायी एवं उपभोक्ताओं में भी खलबली मची हुई है, जहां पहले ही मंदी की मार झेल रहे केबल व्यवसायी टैक्स में बढ़ोतरी को लेकर परेशान हैं. आने वो बजट में वे राहत की आस लगाये बैठे हैं. टैक्स बढ़े का सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा और केबल आॅपरेटर से जुड़े हजारों लोग सड़क पर आ जायेंगे. सरकार को कम-से-कम मनोरंजन टैक्स को न्यूनतम करना चाहिए. खास कर सेट टॉप बाॅक्स की कीमतें कम होने से गांवों में अधिक लोग केबल का उपयोग कर सकेंगे.
महिला संगठन. सुरक्षा के लिए बजट में प्रावधान
बजट से कई उम्मीदें हैं. कई ऐसी घटनाएं, जो महिलाओं के साथ होती हैं. यदि सरकार उनके लिए बजट का प्रावधान करे, तो हिंसा को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इनमें महिलाओं में परिवहन से लेकर उनके विद्यालयों की सुरक्षा तक है.यहां तक की स्कूलों में कार्यरत महिलाअों को शौचालय के लिए बाहर जाना पड़ता है. जिससे वह सुरक्षित नहीं है. यदि सरकार की ओर से महिलाओं के लिए अलग से परिवहन और विद्यालयों में महिला सुरक्षाकर्मी के लिए बजट का प्रावधान करती है, तो काफी हद तक महिलाएं सुरक्षित होंगी.
महिलाओं के लिए वर्तमान में जो भी बजट प्रस्तावित है, उसमें बढ़ोतरी की जरूरत है. जो भी योजनाएं चलायी जा रही हैं, उनकी मॉनीटरिंग के लिए अलग से बजट हो, ताकि योजनाओं का बेहतर तरीके से संचालन हो सके. अलग से एंबुलेंस का प्रावधान होना चाहिए.
एजुकेशन. सरकार नौकरी की पहल करे
एजुकेशन के क्षेत्र में सरकार का इनवेस्टमेंट जरूरत के अनुसार बहुत कम है. सरकार बजट में कुछ ऐसे प्रावधान करें, जिससे स्टूडेंट्स को रिसर्च के क्षेत्र में और सुविधा प्राप्त हो और वह बेहतर कर सकें.स्टडी पूरी करने के बाद हर युवा जॉब की तलाश में रहता है. कई संस्थानों में कैंपस प्लेसमेंट की सुविधा हाेती है. लेकिन, वैसे छात्र पिछड़ जाते हैं, जिनको ऐसी सुविधा नहीं मिलती. इसलिए सरकार जॉब की पहल करे.
जीएसटी : खुदरा विक्रेताओं को मुक्त रखे
नोटबंदी का सबसे अधिक मार खुदरा विक्रेताओं को झेलना पड़ रहा है. इसलिए जीएसटी से उनको मुक्त रखा जाये. उन्हें लघु कर योजना के तहत डेढ़ करोड़ तक का काराेबार करनेवाले के तहत लाया जाये. कृषि से संबंधित सभी वस्तुआें को सभी करों से मुक्त रखा जाये, ताकि किसानों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़े.
िबजली. एलइडी उत्पाद कर फ्री हो, होगी बचत
एलइडी उत्पाद कर फ्री हाेना चाहिए. क्याेंकि इससे एलइडी उत्पादों की कीमत में कमी आयेगी और लोग एलइडी उत्पादों को प्रयोग बढ़ायेंगे. इससे बिजली की बचत होगी. साथ ही सरकार को राजस्व की बचत होगी.
राजेंद्र नगर टर्मिनल
यात्री सुविधा बढ़ाने की है जरूरत
पटना जंकशन से ट्रेनों की भाड़ कम करने के लिए राजेंद्र नगर टर्मिनल बनाया गया. टर्मिनल पर चार प्लेटफॉर्म हैं. यहां से राजधानी व संपूर्ण क्रांति जैसी मुख्य ट्रेनों के साथ-साथ 83 जोड़ी एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, इंटरसिटी और पैसेंजर ट्रेनें खुलती है.
कोच इंडिकेटर नहीं : राजेंद्र नगर टर्मिनल पर चार प्लेटफॉर्म हैं. इन प्लेटफॉर्मों में सिर्फ एक नंबर प्लेटफॉर्म पर कोच इंडिकेटर है. बाकी प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को भटकना पड़ता है.
पर्याप्त संख्या में नहीं है नल :
टर्मिनल के प्लेटफॉर्म संख्या एक हो या दो, तीन और चार. सभी प्लेटफॉर्म पर पीने के पानी को लेकर नल की समुचित व्यवस्था नहीं है. लंबित है प्रीमियम पार्किंग की योजना : टर्मिनल पर प्रीमियम पार्किंग बनाने की योजना है. इस पार्किंग से सीधे प्लेटफॉर्म को जोड़ने की व्यवस्था की गयी है, ताकि राजधानी व संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस के यात्री पार्किंग से सीधे प्लेटफॉर्म पर आ कर ट्रेन में चढ़ सकें. हालांकि, अब तक पार्किंग निर्माण का कार्य पूरा नहीं हुआ है.
आधी-अधूरी सफाई
टर्मिनल की साफ-सफाई बेहतर हो, इसको लेकर निजी एजेंसी को आउटसोर्स की गयी है. लेकिन, कोताही कर रही है. नहीं लग सकी अब तक लिफ्ट : टर्मिनल पर दो लिफ्ट लगाने की योजना बनायी गयी, लेकिन अब तक लिफ्ट नहीं लगायी जा सकी है.
दानापुर स्टेशन
सुविधाओं की कमी झेल रहा
दानापुर स्टेशन से रोजाना 60 से अधिक एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेन गुजरती है. इन ट्रेनों से 13 से 15 हजार यात्रियों की आवाजाही होने के साथ-साथ रेलवे को प्रतिदिन औसतन सात लाख राजस्व की प्राप्ति होती है. बावजूद यात्री सुविधाओं की कमी है. शेड से नहीं ढका है पूरा प्लेटफाॅर्म : पूरा प्लेटफार्म शेड से नहीं ढका है, जिससे बारिश के दिनों में यात्रियों को काफी परेशानी होती है. स्थित यह है कि सभी प्लेटफॉर्म पर शेड लगे है, लेकिन पर्याप्त नहीं है. प्लेटफाॅर्म शेड के नीचे सिर्फ तीन-चार कोच ही लग सकता है. इस स्थिति में गरमी व बारिश के दिनों में यात्रियों को काफी परेशानी होती है.
नहीं लगा है कोच इंडिकेटर
स्टेशन के किसी प्लेटफॉर्म पर कोच इंडिकेटर नहीं लगाये गयेू है. जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है. प्लेटफाॅर्म बना है गोदाम : दानापुर मे के ट्रेनों से पार्सल का समान उतरता है.लेकिन इन पार्सल के सामानों को रखने का गोदाम नही बनाये गए है.दिन रात प्लेटफार्म पर पार्सल का सामान पड़ा रहता है.
छोटा है वेटिंग हाॅल
स्टेशन पर दर्जनों एक्सप्रेस ट्रेनें रुकती है और दो-चार ट्रेनें खुलती भी है. लेकिन, सिर्फ स्लीपर क्लास के ही वेटिंग हाॅल है.बंद पड़े है नल : प्लेटफार्म संख्या तीन, चार व पांच पर जगह-जगह नल की व्यवस्था की गयी है, लेकिन अधिकतर नल बंद पड़े है. पार्किग स्थल की है कमी : स्टेशन परिसर में कार, ऑटो व मोटरसाइकिल पार्किंग स्थल है, लेकिन जगह की कमी है. इससे यात्रियों को दिक्कत होती हैं.
बिहार को उम्मीद
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की घोषणा हो.
पीएम द्वारा बिहार के लिए सवा लाख करोड़ के विशेष पैकेज की घाेषणा का बजट भाषण में जिक्र हो पिछड़ा क्षेत्र विकास निधि बीआरजीएफ में बिहार की सहायता राशि बढ़ायी जाये और इसे आगे भी जारी रखा जाये सरकारी भवनों को सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाये
ऋण लेने की सीमा निर्धारित हो पूर्व निर्धारित बैंकों की 1562 शाखाएं खोलने की घोषणा हो राज्य को सहायता की एकमुश्त घोषणा हो, किस्तों में नहीं किस राज्य को कितनी केंद्रीय सहायता की राशि दी जानी है, इसकी घोषणा बजट भाषण में ही स्पष्ट हो जाये केंद्रीय योजनाओं में राज्यांश की परंपरा खत्म हो.
राज्य में एनएच सड़क व गंगा में दो नये पुल के निर्माण को लेकर केंद्रीय बजट में लोगों की उम्मीद है. इसके अलावा एनएच सड़क की मरम्मत पर राज्य सरकार द्वारा खर्च किये गये लगभग 900 करोड़ केंद्र से वापस होने की अपेक्षा है. बिहार विधानसभा चुनाव के समय पीएम ने सवा लाख करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा की थी. इसमें सड़क व पुल निर्माण को लेकर पचास हजार करोड़ की योजना घाेषित की गयी थी. केंद्र सरकार ने पेश होनेवाले बजट में सड़कों के विकास व पुल के निर्माण को लेकर लोगों को उम्मीद है. केंद्र सरकार ने पटना में महात्मा गांधी सेतु के समानांतर पुल व मोकामा में राजेंद्र सेतु के समानांतर नये पुल के निर्माण की घोषणा की है. दोनों पुल के निर्माण को जमीन पर उतारने के लिए कारगर पहल की आवश्यकता है. गांधी सेतु के समानांतर नये पुल के निर्माण को लेकर सुगबुगाहट हुई, लेकिन फिलहाल अभी इस मामले में प्रक्रिया सुस्त है.

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