उदासीनता. खनन विभाग नहीं कर रहा पहल, सरकार को करोड़ों की चपत
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विभाग सुस्त, बिना लाइसेंस के ही जिले में बिक रही निर्माण सामग्री
उदासीनता. खनन विभाग नहीं कर रहा पहल, सरकार को करोड़ों की चपत िजले में धड़ल्ले से िबना लाइसेंस के ही भवन िनर्माण सामग्री की दुकानदार िबक्री कर रहे हैं. इस कारण िवभाग को लाखों का चूना लग रहा है. कटिहार : जिले में आये दिन नयी-नयी इमारतें खड़ी हो रही हैं. इन इमारतों को खड़ा […]
िजले में धड़ल्ले से िबना लाइसेंस के ही भवन िनर्माण सामग्री की दुकानदार िबक्री कर रहे हैं. इस कारण िवभाग को लाखों का चूना लग रहा है.
कटिहार : जिले में आये दिन नयी-नयी इमारतें खड़ी हो रही हैं. इन इमारतों को खड़ा करने के लिए गिट्टी, बालू, सीमेंट सामग्री का बड़े पैमाने पर कारोबार होता है. इसके लिए बाकायदा पूरे जिले में सप्लायरों ने अपनी-अपनी दुकानें खोल ली हैं. लेकिन इन दुकानों की अगर पड़ताल की जाय तो अधिकांश निर्माण सामग्री वितरित करने वाले दुकानों का लाइसेंस नहीं है. यही नहीं इन विक्रेताओं द्वारा लाइसेंस प्राप्त करने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इसके कारण जिले से खनन विभाग को राजस्व की भारी क्षति हो ही रही है.
वहीं राज्य सरकार को प्रत्येक साल करोड़ों रुपये का राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है. हालांकि जिला खनन पदाधिकारी द्वारा निर्देश भी दिया गया है कि जिन दुकानदारों के पास लाइसेंस नहीं है, वे लाइसेंस प्राप्त कर लें नहीं तो उन पर कार्रवाई हो सकती है. फिर भी ये विक्रेता पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना करते हुए लाइसेंस प्राप्त करने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं.
कितने दुकानदारों के पास है निर्माण सामग्री बेचने की लाइसेंस : वैसे तो जिले में सैकड़ों बिना लाइसेंस के ईंट, गिट्टी, बालू बेचने वाले दुकान संचालित हैं. लेकिन जिला खनन विभाग की मानें तो पंचांग वर्ष 2016 के मुताबिक मनिहारी में निर्माण सामग्री बेचने वाले दुकानदारों की लाइसेंस के अनुसार संख्या 22 है. कुरसेला में दो, किरोरा बलरामपुर में एक, जबकि बारसोई में शून्य है. जबकि कटिहार शहर में निर्माण सामग्री बेचने वाले दुकानदारों की संख्या दो दर्जन से अधिक है. लेकिन एक भी दुकानदारों का लाइसेंस नहीं है. इधर, जिला मुख्यालय होने के कारण सबसे पहले यही पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं है. कार्यालय के मुताबिक वर्तमान पंचांग वर्ष 2017-18 के मुताबिक अब तक 33 लोगों ने पूरे जिले से लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है.
अवैध रूप से खनन करने वालों पर नहीं होती है कार्रवाई : जिले में वैसे तो बालू संबंधी खनन नहीं के बराबर होता है. वहीं मिट्टी का खनन व्यापक पैमाने पर जिले के कोने-कोने में होता है. हालांकि जिला खनन कार्यालय के मुताबिक सीओ को इस संबंध में जांच करने का जिम्मा दिया गया. लेकिन शायद ही ऐसा कोई मामला आता हो जिसमें अवैध रूप से मिट्टी खनन करने वालों पर कार्रवाई होती है. वहीं गिट्टी, बालू, जिले के बाहर से आते हैं. जिले में ट्रकों की जांच पुलिस विभाग ही करता है. पिछले दिनों मनिहारी में एएसपी विशाल कुमार के नेतृत्व में अवैध रूप से गिट्टी, बालू लदे 28 ट्रैक्टर को पकड़ा गया था.
निर्माण सामग्री बेचने के लिए तय किये गये हैं नियम
बिना लाइसेंस वाले निर्माण सामग्री बेचने वाले दुकानदारों में खनन विभाग की ओर से दंड का कड़ा प्रावधान है फिर भी इन प्रावधानों को दरकिनार करते हुए धड़ल्ले से जिले में बिना लाइसेंस के निर्माण सामग्री की दुकान बढ़ रहे हैं. बिना लाइसेंस वाले निर्माण सामग्री बेचने वाले दुकानदारों के प्रति अवैध लघु खनिज भंडारण 2003 के तहत भंडारित लघु खनिज का बाजार मूल्य निर्धारित किया जाता है. भुगतान नहीं किये जाने पर पीडीआर 1914 के तहत नीलाम पत्र मुकदमा दायर किया जाता है. अगर आंकड़ा देखे तो जिले में अब तक बिना लाइसेंस वाले निर्माण सामग्री बेचने वाले दुकानदारों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अगर विभाग कमर कस लें तो बिना लाइसेंस के निर्माण सामग्री बेचने वाली दुकानें बंद हो जायेंगी, लेकिन विभाग की शिथिलता के कारण अब तक इस दिशा में उपयुक्त कार्रवाई नहीं की जा रही है.
आयेदिन खड़ी हो रहीं इमारतें सामग्री की गुणवत्ता का नहीं रखा जाता ख्याल
पुिलस कह रही खनन विभाग के साथ संयुक्त रूप से कर रही कार्रवाई
जारी िकया जा रहा है नोटिस, होगी कार्रवाई
बिना लाइसेंस के निर्माण सामग्री बेचने वाले दुकानदारों को नोटिस किया जा रहा है. वहीं मिट्टी के अवैध खनन मामले में संबंधित सीओ को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. वह अपने इलाके में इसकी जांच कर कार्रवाई करेंगे.
मतीउर रहमान, जिला खनन पदाधिकारी, कटिहार
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