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आज पूजी जायेंगी ज्ञान, संगीत कला की देवी मां सरस्वती

भभुआ नगर : माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इसी दिन शब्दों की शक्ति मनुष्य की झोली में आयी थी. इस दिन बच्चों को पहला अक्षर लिखना सिखाया […]

भभुआ नगर : माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इसी दिन शब्दों की शक्ति मनुष्य की झोली में आयी थी. इस दिन बच्चों को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है.
इस दिन पितृ तर्पण किया जाता है और कामदेव की पूजा भी की जाती है. इस दिन पहनावा भी परंपरागत होता है. इस दिन गायन-वादन के साथ अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं. सरस्वती को समस्त ज्ञान, साहित्य, संगीत, कला की देवी माना जाता है. शिक्षण संस्थाओं में वसंत पंचमी को बड़े की धूमधाम से मनाने की तैयारी की गयी है. वहीं पूजा समितियों ने भी विशेष तैयारी की है.
मां शारदे के पूजन की विधि
ज्ञान और वाणी के बिना संसार की कल्पना करना भी असंभव है. माता सरस्वती इनकी देवी हैं. सरस्वती पूजा करते समय सबसे पहले सरस्वती माता की प्रतिमा अथवा तसवीर को सामने रखना चाहिए.
इसके बाद कलश स्थापित करके गणेश जी तथा नवग्रह की विधिवत पूजा करनी चाहिए. इसके बाद माता सरस्वती की पूजा करें. सरस्वती माता की पूजा करते समय उन्हें सबसे पहले आचमन और स्नान कराएं, उसके बाद माता को फूल, माला चढ़ाये. सरस्वती माता को सिंदूर, अन्य शृंगार की वस्तुएं भी अर्पित करनी चाहिए. वसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता के चरणों पर गुलाल भी अर्पित किया जाता है.

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