जलपाईगुड़ी. राज्य सरकार एक ओर जहां केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले का विरोध कर रही है वहीं राज्य खाद्य मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया की ओर कदम बढ़ दिया है. किसानो से खरीदा गये धान कीमत किसानों को ऑनलाइन खाते में दी जायेगी. धान खरीदने के बाद किसानों के बैंक खाते में ऑनलाइन के रूपये […]
जलपाईगुड़ी. राज्य सरकार एक ओर जहां केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले का विरोध कर रही है वहीं राज्य खाद्य मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया की ओर कदम बढ़ दिया है. किसानो से खरीदा गये धान कीमत किसानों को ऑनलाइन खाते में दी जायेगी. धान खरीदने के बाद किसानों के बैंक खाते में ऑनलाइन के रूपये ट्रांसफर कर दिया जायेगा. सोमवार को उक्त जानकारी राज्य के खाद्यमंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने दी.
सोमवार को जलपाईगुड़ी में दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार व कूचबिहार जिले के किसानों द्वारा उत्पादित धान की खरीद को लेकर एक बैठक हुयी. इस बैठक में चार जिलों के सामंजस्य समिति, राइस मिल के मालिक सहित चारों जिलों के प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे. खाद्यमंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने बताया कि धान का मूल्य किसानों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर कर दिया जायेगा. अब सामंजस्य समिति को एक भी रूपया खर्च करने की आवश्यकता नहीं है.
जनधन योजना के तहत खोले गये बैंक खातों मे कुछ समस्या हो रही है. चार जिलों के 18 लाख मिट्रिक टन धान का उत्पादन हुआ है. खाद्य मंत्रालय 5 मिट्रिक टन धान खरीदेगी. बिचौलियों को हटाकर राज्य सरकार सीधे किसानों तक पहुंच रही है. इन चार जिलों में तीन सौ से अधिक सामंजस्य समिति है. इनके साथ भी बैठक कर समस्या का समाधान किया जायेगा.
इधर जिला फूड कमिश्नर अनिल वर्मा ने बताया कि कूचबिहार,अलीपुरद्वार व जलपाईगुड़ी जिले में कई समिति हैं, लेकिन किसी ने भी किसानों से धान खरीदने का काम शुरू नहीं किया है. इन समितियों को मिल के साथ संपर्क कर अविलंब किसानों से धान खरीदने का निर्देश दिया गया है.