नयी दिल्ली : वोडाफोन इंडिया ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में रिलायंस जियो को घेरा और उसपर आरोप लगाया कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) अपने शुल्क आदेश, निर्देश और नियमनों के गंभीर उल्लंघन को रोकने में विफल रहा है. कंपनी ने आरोप लगाया कि नियामक ने रिलायंस जियो को अपनी मुफ्त पेशकश जारी रखने की अनुमति देकर नियमों के उल्लंघन को नजरअंदाज किया है.
यह मामला न्यायमूर्ति संजीव सचदेव के समक्ष आया जिन्होंने मामले की सुनवाई की तारीख एक फरवरी तय की है क्योंकि रिलायंस जियो को इस मामले में एक पक्ष नहीं बनाया गया है. अदालत ने कहा कि इस मामले में अदालत यदि कोई आदेश जारी करती है तो इससे दूरसंचार कंपनी प्रभावित हो सकती है. बाद में वोडाफोन की मौखिक याचिका पर रिलायंस जियो को भी पक्ष बनाया गया.
वोडाफोन ने यह भी दावा किया कि ट्राई दूरसंचार विभाग के सर्कुलरों को क्रियान्वित करने में विफल रहा है, जिसमें कहा गया है कि सभी शुल्क अंतर कनेक्शन प्रयोग शुल्क (आईयूसी), गैर भेदभावपूर्ण होने चाहिए. साथ ही यह बाजार बिगाडने वाले नहीं होने चाहिए.
वोडाफोन ने यह भी कहा कि ट्राई ने खुद 2002 में सभी दूरसंचार कंपनियों को कहा था कि कोई भी प्रचार पेशकश 90 दिन से अधिक जारी नहीं रखी जा सकती.
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