सुलतानगंज : महाशिवरात्रि को द्वादश ज्योर्तिलिंग बाबा वैद्यनाथ का विवाह होता है. वसंत पंचमी को बाबा भोलेनाथ का तिलक होता है. तिलकोत्सव के लिए मिथिलांचल वासी मौनी आमावस्या को गंगा जल लेकर पैदल बाबाधाम रवाना हुए. ऐसा माना जाता है कि मैया पार्वती मिथिलांचल की बेटी थी. परंपरा के अनुसार बाबा का तिलक मिथिलांचल के ही लोग करते आ रहे है. मिथिलांचल के कांवरिया मोटे बांस का कांवर लेकर यात्रा करते हैं. मधुबनी से आये शालीग्राम मिश्र बताते है
कि मिथिलांचल की परंपरा में शिव और शक्ति का विशेष महत्व है. भगवान राम ने पहली बार माघ मास के आमावस्या में ही सुलतानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा जल लेकर पैदल बाबा पर जलार्पण किया था. इसलिए हर घर से आते है कांवरिया बन कर लोग. हर घर से एक व्यक्ति अवश्य ही कांवरिया बन कर सुलतानगंज से देवघर जाता है.