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ट्रंप को फेसबुक चीफ जुकरबर्ग ने सुनायी खरी-खरी, कहा – अमेरिका ‘परदेसियों” का ही देश है

सैन फ्रांसिसको : आव्रजकों (एक देश से दूसरे देश में जाकर बसे लोगों ) और कुछ मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले शरणार्थियों की संख्या को सख्ती से कम करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की आलोचना करते हुए फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने शनिवार को कहा कि अमेरिका […]

सैन फ्रांसिसको : आव्रजकों (एक देश से दूसरे देश में जाकर बसे लोगों ) और कुछ मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले शरणार्थियों की संख्या को सख्ती से कम करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की आलोचना करते हुए फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने शनिवार को कहा कि अमेरिका आव्रजकों का देश है और उसे इस पर गर्व होना चाहिए.

जुकरबर्ग ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि आप जैसे कई लोगों की तरह मैं भी राष्ट्रपति ट्रंप के उन शासकीय आदेशों के प्रभावों को लेकर चिंतित हूं, जिन पर उन्होंने हाल ही में हस्ताक्षर किये हैं. उन्होंने लिखा कि हमें इस देश को सुरक्षित रखने की जरूरत है. हमें ऐसा उन लोगों पर ध्यान देकर करना चाहिए, जिनसे वाकई में खतरा है. हमें अपने दरवाजे शरणार्थियों के लिए और ऐसे लोगों के लिए जिन्हें हमारी जरूरतहै, खुले रखने चाहिए. यही हमारी पहचान है.

जुकरबर्ग ने लिखा कि हमें शरणार्थियों और जरूरतमंदों के लिए अपने दरवाजे खुले रखने चाहिए. अगर हमने कुछ दशक पहले शरणार्थियों से मुंह फेर लिया होता, तो प्रेसिलिया का परिवार आज यहां नहीं होता. जुकरबर्ग की पत्नी प्रेसिलिया का परिवार चीन और वियतनाम से आये हुए शरणार्थी हैं. जुकरबर्ग ने लिखा है कि मेरे परिवार से इतर भी ये मुद्दे व्यक्तिगत हैं. कुछ वर्ष पहले मैं एक स्थानीय मीडिल स्कूल में पढाता था, जहां मेरे सबसे अच्छे विद्यार्थियों में से कुछ के पास दस्तावेज नहीं थे. वे भी हमारा भविष्य हैं.

जुकरबर्ग ने लिखा है कि हम आव्रजकों से निर्मित राष्ट्र हैं और यदि दुनिया भर से आये सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभावान लोग यहां रहते हैं, काम करते हैं और अपना योगदान देते हैं, तो उससे हम सभी को लाभ होता है. मैं आशा करता हूं कि हमें लोगों को करीब लाने और दुनियाभर के लोगों के लिए बेहतर जगह बनाने का साहस मिले.

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को एक सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया है. इसके बाद कुछ विशेष मुस्लिम देशों से आने वाले शरणार्थियों के संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है. आव्रजन के पक्षधर जुकरबर्ग की पिछली पीढ़ियां जर्मनी, ऑस्ट्रिया और पोलैंड से आयी थीं. गौर करने वाली बात यह भी है कि ट्रंप ने बीती 24 जनवरी को ही देश में रोजगार बढ़ाने को लेकर जेनरल मोटर्स के सीईओ के साथ बैठक भी की थी. दुनिया भर में चर्चा यह थी कि जिस दिन अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप शपथ ग्रहण कर रहे थे, उसी दिन जेनरल मोटर्स ने करीब 2000 कर्मचारियों की छंटनी की थी.

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