नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा में होने वाले विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलने के आसर नजर नहीं आ रहे हैं. वहीं अगर उत्तराखंड की बात करें तो यहां भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने की उम्मीद है. ऐसा दावा गुरुवार को जारी किए गए एक ऑपिनियन पोल में किया गया.
द वीक-हंसा रिसर्च के ऑपिनियन पोल की माने तो उत्तर प्रदेश और गोवा में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में सामने आएगी जबकि पंजाब में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिलेंगी. ऑपिनियन पोल के नतीजों में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में 403 सीटों में से भाजपा के खते में 192 से 196 सीटें आ सकतीं हैं जबकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को इससे ज्यादा सीटें मिलेंगी जिनकी संख्या 178-182 के बीच होगी.
सर्वे की माने तो बहुजन समाज पार्टी महज 20 से 24 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रहेगी. अन्य को 5-9 सीटें मिलने की उम्मीद सर्वे में जतायी गयी है. पोल के नतीजों की माने तो, ‘पंजाब में कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में नजर आएगी और उसे 49-51 सीटें मिलने की उम्मीद है. वहीं 117 सदस्यों की विधानसभा में आम आदमी पार्टी 30-35 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर काबिज होगी. शिरोमणि अकाली दल और भाजपा का गठबंधन केवल 28-30 सीटों पर सिमट जाएगा. यहां अन्य को 3 से 5 सीटें मिल सकती हैं.
सिर्फ उत्तराखंड में खिलेगा कमल
चार राज्यों में से स्पष्ट बहुमत का अनुमान केवल उत्तराखंड के बारे में लगया जा रहा है जहां भाजपा बहुमत हासिल कर सकती है और सूबे में कमल खिलने की उम्मीद है. सर्वे में कहा गया है कि भाजपा को 70 सदस्यों वाली विधानसभा में 37-39 सीटें मिलने की उम्मीद है. पोल कीम माने तो उत्तराखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस 27-29 सीटों पर सिमट जाएगी. बीएसपी 1 से 3 सीटों पर जीत का परचम फहरायेगी, वहीं अन्य छोटे दलों को 1 से 3 सीटें मिल सकती हैं.
अब गोवा की बात
पोल की माने तो, गोवा की 40 सीटों में से सत्तारूढ़ भाजपा के खते में 17-19 सीटें जीत आयेगी और वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है. वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस रहेगी, जिसे 11-13 सीटें मिलने की उम्मीद है. यहां आम आदमी पार्टी को केवल 2 से 4 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. गोवा में महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी की अगुवाई वाले गठबंधन को 3-5 सीटें मिलने की उम्मीद पोल में जतायी गयी है जबकि निर्दलीयों को अधिकतम 2 सीटें और बाकियों को 1 से 3 सीटें मिल सकती हैं.
द वीक-हंसा रिसर्च ने कहा..
द वीक-हंसा रिसर्च की ओर से जारी रिलीज में कहा गया है कि यह ऑपिनियन पोल एक सप्ताह पहले कांग्रेस-समाजवादी पार्टी का गठबंधन होने के फौरन बाद किया गया था. द वीक-हंसा रिसर्च ने मणिपुर में पोल नहीं कराया गया था. वहां भी विधानसभा चुनाव अगले महीने होने हैं.