उसका सीधा असर इस बार के आम सभा पर देखने को मिल रहा है. चाय बागान मालिकों के संगठन की वार्षिक आम सभा में तमाम बड़े चाय उद्योगपति उपस्थित होते हैं. आम सभा पर व्यवसायी जगत की भी निगाहें टिकी रहती हैं. वार्षिक सभा में कई विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं. संगठन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिन में आम सभा के बाद रात में विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं. चाय बागान के मैनेजर तथा कर्मचारी भी सपरिवार इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं. वार्षिक आम सभा में चाय श्रमिक यूनियन के नेताओं के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी निमंत्रण दिया जाता है. इस बार नोटबंदी की वजह से बागान मालिकों ने कई कार्यक्रम रद्द करने की घोषणा की है. इससे पहले आम सभा के दौरान गोल्फ, लॉग टेनिस, पोलो आदि जैसे अमीरों के खेल आयोजित किये जाते थे. इस साल इन खेलों का आयोजन रद्द कर दिया गया है. इतना ही नहीं, हाइ टी, ब्रेक फास्ट के साथ ही मदीरापान की व्यवस्था भी खत्म कर दी गई है. खाने के मेनु में भी कटौती की गई है. शाम को आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रद्द कर दिये गये हैं. इंडियन टी एसोसिएशन के उत्तर बंग शाखा के सचिव राम अवतार शर्मा ने बताया है कि इस साल प्रायोजकों की काफी कमी है. नोटबंदी की वजह से सदस्य बागान भी पर्याप्त चंदा नहीं दे पा रहे हैं.
कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रायोजकों का मिलना मुश्किल हो गया है. इंडियन टी प्लांटर्स एसोसिएशन की ओर से अमितांशु चक्रवर्ती ने कहा है कि चाय बागानों में सभी श्रमिकों के बैंक खाते अब तक नहीं खोले गये हैं. पैसे रहने के बाद भी श्रमिकों को मजदूरी देना संभव नहीं हो पा रहा है. समस्या सभी तरफ है. नोटबंदी से सभी लोग परेशान हैं. इसी वजह से चाय बागान के मालिकों ने अपनी आम सभा के खर्चे में कटौती करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि पहली बार चाय बागान मालिकों को इस प्रकार की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है.